Wednesday, 19 April 2017

दशकों बाद भी क्‍यों गरीब है स्‍वतंत्र भारत?

दशकों बाद भी क्‍यों गरीब है स्‍वतंत्र भारत?


  • ऐसा क्‍यों है कि भारत को आजादी मिले 60 साल से ज्‍यादा बीत जाने के बावजूद अभी भी भारत के ज्‍यादातर लोग गरीब हैं?
  • ज्‍यादातर भारतीय लोग जिन्‍दगी भर जी-तोड़़ मेहनत करने के बावजूद भी हमेंशा आर्थिक तंगी से क्‍यों जूझते रहते हैं?
  • आखिर क्‍यों जब उन्‍हें पैसों की बेहद ज्‍यादा जरूरत होती है, तब जिन्‍दगीभर मेहनत-मजदूरी करने के बावजूद भी उन्‍हें कर्ज लेना पड़ता है?
  • आखिर क्‍यों अमीर, और अमीर होता जा रहा है और गरीब, और गरीब?
  • आखिर क्‍यों आम आदमी अपनी छोटी-छोटी मामूली सी जरूरतों को पूरा कर पाने में भी परेशानी महसूस करता है?
  • आखिर क्‍यों जिस गति से महंगाई बढ़ती है, उसी गति से आम आदमी की Income क्‍यों नहीं बढ़ती?
  • आखिर क्‍यों एक व्‍यक्ति किसी वस्‍तु को खरीदने के लिए दिन-रात मेहनत करके पैसे इकट्ठा करता है, लेकिन फिर भी वह उस वस्‍तु को कभी नहीं खरीद पाता, जिसके लिए उसने दिन-रात जी-तोड़ मेहनत करके पैसा इकट्ठा किया होता है?
इन सभी सवालों का सिर्फ एक ही जवाब है और वो है वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) की कमी।
अगर एक भिखारी को भी Financial Literacy समझ में आ जाए, तो वह भी अमीर बन सकता है, फिर पढ़े‍-लिखे समझदार लोग कैसे गरीब रह सकते हैं।
यदि आप इस बात को समझ लें कि आपका पैसा कैसे काम करता है, तो आपको अमीर होने से कोई नहीं रोक सकता क्‍योंकि तब आप पैसे के लिए काम नहीं करेंगे बल्‍ि‍क पैसा आपके लिए काम करेगा। आप पैसे के लिए नौकरी नहीं करेंगे, बल्कि पैसा, आपके लिए नौकरी करेगा। आप पैसे के लिए Business नहीं करेंगे, बल्कि पैसा आपके लिए Business करेगा।

लेकिन ऐसा केवल तभी हो सकता है, जबकि आप ये बात समझ पाऐं कि पैसा वास्‍तव में काम कैसे करता है और पैसे के काम करने के तरीके को समझना ही Financial Literacy है।
आप चाहे जितने भी Talented क्‍यों न हो, आप किसी Multi-National Company में चाहे जितनी High Salary Job में ही क्‍यों न हों, या आपका स्‍वयं का चाहे कितना भी बड़ा Well Established Business ही क्‍यों न हो, यदि आप Financially Literate नहीं हैं, तो आप कभी Financial Freedom प्राप्‍त नहीं कर सकते। आपका Future कभ्‍ाी भी Financially Secure नहीं हो सकता और आपको हमेंशा पैसों के लिए काम करना पडे़गा क्‍योंकि आप कभी भ्‍ाीअपने पैसाें को अपने लिए काम नहीं करवा पाऐंगे।
किसी न किसी तरह का काम सभी करते हैं और कम या ज्‍यादा, पैसा सभी कमाते हैं। महत्‍वपूर्ण ये नहीं है कि आप कितना कमाते हैं, महत्‍वपूर्ण ये है कि आपको पैसों के काम करने की समझ है या नहीं। यदि आप जानते हैं कि पैसा कैसे काम करता है, तो आप उसे Control कर सकते हैं, उसे उस तरह से काम करवा सकते हैं, जिस तरह से आप चाहते हैं। लेकिन यदि आप 98% अन्‍य भारतीयों की तरह ही पैसों को नहीं समझते, तो फिर पैसा आपको Control करता है और आप हमेंशा वैसे जीने पर मजबूर होते हैं, जैसा वे 2% लोग चाहते हैं, जो 98% पैसा कमाते हैं।

हमारे देश का 98% पैसा केवल 2% अम्‍बानी, अड़ानी, मित्तल, बजाज, टाटा जैसे उन लोगों के पास है जिन्‍हें हम अमीर कहते हैं और उनके द्वारा छोड़ दिया गया 2% पैसा, उन 98% भारतीयों के पास है, जिन्‍हें हम गरीब कहते हैं। वे ही 2% गरीब लोग सरकारें बनाते हैं, और उन्‍हीं 2% गरीब लोगों के लिए सरकारें सैकड़ों तरह की योजनाऐं बनाती हैं, लेकिन सच्‍चाई यही है कि केवल 2% पैसों के आधार पर चाहे जितनी योजनाए बन जाऐं, वे 98% भारतीय गरीब ही रहेंगे, क्‍योंकि 2% धन से आप 98% चीजें नहीं खरीद सकते। इसलिए मूलत: ये 2% अमीर लोग ही तय करते हैं कि बाकी के 98% गरीबों की जेब में कितना पैसा जाएगा।
लेकिन सवाल ये है कि ऐसा क्‍यों है? क्‍यों हमारे देश का 98% पैसा केवल 2% अमीर लोगों के पास ही है?
ऐसा केवल इसलिए है क्‍योंकि ये 2% लोग Financially Literate हैं। इन्‍हें पता है कि पैसा कैसे काम करता है, इसलिए ये लोग पैसे को अपने लिए काम करवाते हैं, न कि स्‍वयं पैसे के लिए काम करते हैं।

क्‍या आपने कभी सुना है कि किसी अमीर व्‍यक्ति ने अपने Financial Future को Secure करने के लिए अपनी Savings को Fixed Deposit Account में जमा करवाया?
मुझे विश्‍वास है कि आपने ऐसा कभी नहीं सुना होगा। लेकिन आपने बार-बार ये सुना होगा कि उस फलाने अमीर व्‍यक्ति ने वो नया Business Setup करने के लिए बैंक से इतने करोड़ का Loan लिया।
बस यही फर्क है अमीर और गरीब में। गरीब Saving करके बैंक में जमा करता है और अमीर उसी Saving को Loan के रूप में लेकर उसी गरीब के लिए नौकरी Create करता है।

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