माता-पिता के प्रति हमारा फर्ज
मित्रों,
हर
माँ-बाप का एक सपना होता है कि उनकी औलाद हमेशा उन्हें बहुत
प्यार करे , समाज़ में उनका और अपना नाम रौशन करे और ज़रूरत पढ़ने पर सुख-दुःख में उनका साथ निभाए I पर सच बताना दोस्तों , क्या ऐसा हो रहा है ?
क्या हम अपने माता-पिता के प्रति जो हमारा फर्ज़ है, क्या हम
वो फर्ज़ निभा रहे हैं ? नहीं , हम ऐसा नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि हम अपने रोज़
की भागदौड़ और पैसा कमाने की होड़ में यह भूल चुके हैं कि हमें अपने माता-पिता को
जितना समय देना चाहिए हम उसका 10% भी नही दे पा रहे हैं I
एक दुःख तो यह होता है की हम कहीं से गिर जाएँ , कोई Accident हो जाए या हमें कोई चोट
लग जाए , हमारा कहीं से खून निकल आए तो
हमें बहुत दर्द होता है I और एक दुःख यह होता है कि जब हमें
किसी की कोई गलत बात चुभ जाती है तो उससे हमें और भी ज्यादा दर्द होता है I चोट से
हुए दर्द का तो इलाज़ हम दवा लेकर , मरहमपट्टी करवा कर लेते हैं परन्तु जुबान से
घायल हुए का कोई इलाज नहीं है और यह दर्द बहुत देर तक रहता है I और ऐसा दर्द तब तक
नही जाता जब तक हम वो बात किसी को बता कर अपना मन हल्का नहीं कर लेते I
दोस्तों , इन दोनों दुखों से बढ़कर भी एक और
दुःख होता है, वो है माँ – बाप को अपनी औलाद का दुःख I जो बच्चे पड़े -लिखे और लायक होने के बावजूद अपने माता -पिता को नही पूछते होते , उनके
माता-पिता न तो कभी सुखी रह पाते हैं और न ही उनके माता-पिता ये बात किसी को बता
पाते हैं I मित्रों यह सच्चाई है कि आजकल के दौर में कौन-सी औलाद अपने माता-पिता
को खुश रख पा रही है ?
मैंने कुछ भजन की पंक्तियों के माध्यम से में माँ – बाप के
महत्व को दर्शाने की कोशिश की है : -
माँ बाप से बढ़कर जग में , नहीं दूजा कोई खजाना.
जिसने तुझे जन्म दिया रे, दिल उनका नहीं
दुखाना..
पहले तुझे तेरी माँ ने , नौ महीने पेट में ढ़ोया.
सीने का दूध पिलाया , तू जब-जब बन्दे रोया..
बड़ा कर्ज़ है तुझ पर माँ का , पहले वो कर्ज़ चुकाना.
जिसने तुझे जन्म दिया रे , दिल उनका नहीं
दुखाना..
दिन रात तुझे तेरी माँ ने, बाहों में तुझे झुलाया.
गीले में खुद माँ सोई, सूखे में तुझे सुलाया..
कोई भी दुःख दे कर तू, अब उनको नहीं सताना.
जिसने तुझे जन्म दिया रे, दिल उनका नहीं
दुखाना..
माँ बाप की शरण से बढ़कर , कोई स्वर्ग नहीं है दूजा.
सब छोड़ के तीरथ बन्दे , कर ले माँ बाप की
पूजा..
इस जनम-मरण से बन्दे , अगर है मुक्ति पाना.
जिसने तुझे जन्म दिया रे, दिल उनका नहीं
दुखाना..
माँ बाप से बढ़कर जग में , नहीं दूजा कोई खजाना.
जिसने तुझे जन्म दिया रे, दिल उनका नहीं दुखाना..
दोस्तों
, आपकी उम्र कुछ भी हो , अपने माँ-बाप के लिए आप आज भी बच्चे ही हैं. जब से आप इस दुनिया में आए , आपके माता-पिता ने
ही आपको संभाला है , सब कुछ सिखाया है, और आज आप इतने बड़े हो
गये, जो आप उन्हे ही यह कहते नही चूकते कि मम्मी-पापा आप को
तो कुछ पता ही नहीं है I
हमारे
माता-पिता हमारी कमाई से कोई हिस्सा नही चाहते और न ही वे हमारे खर्चों का हिसाब
हमसे माँगते हैं , वो तो केवल एक ही दुआ माँगते हैं कि हमारे बच्चे जहाँ रहें , खुश
रहें I बदले में वे सिर्फ़
इतना ही चाहते हैं कि उनके बच्चे उन्हे ignore न करें और उनसे बातें करके अपने दिल का भार हल्का करें , हमारे
माँ-बाप हमसे कुछ लेकर खुश नही होते बल्कि वो तो अपना सब कुछ
हमें दे कर ही खुश होते हैं और सारी उम्र हमें कुछ ना कुछ देते ही रहते हैं I
पर
दोस्तों , हम उनके पास केवल तब ही जातें हैं जब हम दुखी होते हैं या जब हमें उनसे
कुछ लेना होता है, ज़रा सोच कर देखें कि आज़ तक हमने उन्हें क्या दिया है ?
आज
आपकी माँ आपके दिए पैसों की रोटी खाने से ज़्यादा खुश तो तब होगी जब उसकी थाली में
से आप उसके हाथों से रोटी का एक निवाला खाएँ I
सच
बताना मित्रों, आप कितनी बार अपने Friends के साथ Mc-Dee , Dominos , Multiplex,
KFC, या Maal गये हैं ? शायद अनगिनत बार
और यह भी सच है की आप अपने माता-पिता के साथ ऐसे places शायद एक बार भी ना गये हों
I सोच कर देखना क्या आपने यह सही किया है ?
आज
आप इस Post को अपना कीमती समय लगा कर पूरा पढ़ रहें हैं , यह
दर्शाता है कि आप अपने माता-पिता से आज भी बहुत प्यार करते हैं लेकिन समय के अभाव
से अपना प्यार प्रकट नही कर पाते I जो आशाएँ आप अपनी औलाद से
लगा कर उनकी परवरिश कर रहे हैं , वे सब तभी पूरी हो पाएँगीं , जब आप अपने माता-पिता की आशाओं को पूरा करने का
प्रयास करेंगें I क्योंकि बच्चे बड़े होकर वही करते हैं जो
वो बचपन में देखकर सीखते हैं I
दोस्तों,
आज़ से एक काम करना , रोज़ सुबह उठकर अपने माता-पिता के चरण स्पर्श करके उन्हें एक अच्छी-सी जादू की झप्पी दें (गले
मिलें), भले ही आपकी उम्र 20 की हो या 40 या 50 हो, सच मानना मित्रों, आपके
माता-पिता के सारे दुःख और चिंताएँ उड़न छू हो जाएँगी और वो आपको अपने
दिल से इतनी दुआएँ देंगें कि आपके सभी बिगड़े हुए काम बन जाएँगे. एक बार ज़रूर करके देखें और हर रोज़ करने का प्रयास
करें I अगर आप अपने माता-पिता से दूर या उनसे अलग रहते हैं
तो उनसे फोन पर बात ज़रूर करें . आप उनका
हाल भले ही ना पूछें पर अपना हाल ज़रूर बताएँ. जीवन में एक नियम बना लें कि चाहे कुछ भी हो जाए आप ऐसा करते रहेंगें I यकीन
मानिए ऐसा करते रहने से आपकी Life बदल जाएगी I
अगर
मैं किसी एक व्यक्ति के भी दिल में अपने माता-पिता की जगह को बड़ा
पाया और किसी माँ - बाप के दुःख को कम कर पाया और उनकी खुशी को बड़ा पाया तो मैं
इस Post को सफ़ल मानूँगा I
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लोग भी इसे पढ़ कर इसका लाभ उठा सकें और Post के
अंत में अपने Comments के द्वारा अपनी राय ज़रूर बताएँ I
अंतिम में बस यही कहना चाहेंगे:- ये हमारा फर्ज है कि हम अपने जन्मदाताओं का कर्ज चुकाकर, उनका दर्द दूर करें और अपना
फर्ज पूरा करें।
धन्यवाद !!!
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