Saturday, 2 January 2016

माता-पिता के प्रति हमारा फर्ज

माता-पिता के प्रति हमारा फर्ज

मित्रों,
हर माँ-बाप का एक सपना होता है कि उनकी औलाद हमेशा उन्हें बहुत प्यार करे ,  समाज़ में उनका और अपना नाम रौशन करे और ज़रूरत पढ़ने पर  सुख-दुःख  में उनका साथ निभाए I  पर सच बताना दोस्तों , क्या ऐसा हो रहा है ? क्या हम अपने माता-पिता के प्रति जो हमारा फर्ज़ है, क्या हम वो फर्ज़ निभा रहे हैं ? नहीं , हम ऐसा नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि हम अपने रोज़ की भागदौड़ और पैसा कमाने की होड़ में यह भूल चुके हैं कि हमें अपने माता-पिता को जितना समय देना चाहिए हम उसका 10% भी नही दे पा रहे हैं I

एक दुःख तो यह होता है की हम कहीं से गिर जाएँ , कोई Accident हो जाए या हमें कोई चोट लग जाए , हमारा कहीं से खून निकल आए तो हमें बहुत दर्द होता है I और एक दुःख यह होता है कि जब हमें किसी की कोई गलत बात चुभ जाती है तो उससे हमें और भी ज्यादा दर्द होता है I चोट से हुए दर्द का तो इलाज़ हम दवा लेकर , मरहमपट्टी करवा कर लेते हैं परन्तु जुबान से घायल हुए का कोई इलाज नहीं है और यह दर्द बहुत देर तक रहता है I और ऐसा दर्द तब तक नही जाता जब तक हम वो बात किसी को बता कर अपना मन हल्का नहीं कर लेते I
दोस्तों , इन दोनों दुखों से बढ़कर भी एक और दुःख होता है, वो है माँ – बाप को अपनी औलाद का दुःख I  जो  बच्चे  पड़े -लिखे और लायक होने के बावजूद अपने माता -पिता को नही पूछते  होते , उनके माता-पिता न तो कभी सुखी रह पाते हैं और न ही उनके माता-पिता ये बात किसी को बता पाते हैं I मित्रों यह सच्चाई है कि आजकल के दौर में कौन-सी औलाद अपने माता-पिता को खुश रख पा रही है ?
मैंने कुछ भजन की पंक्तियों के माध्यम से में माँ – बाप के महत्व को दर्शाने की कोशिश की है : -
माँ बाप से बढ़कर  जग में , नहीं दूजा कोई खजाना.
जिसने तुझे जन्म दिया रे, दिल उनका नहीं दुखाना..

पहले
तुझे तेरी माँ ने , नौ महीने पेट में ढ़ोया.
सीने का दूध पिलाया , तू जब-जब बन्दे रोया..
बड़ा कर्ज़ है तुझ पर माँ का , पहले वो कर्ज़ चुकाना.
जिसने तुझे जन्म दिया रे , दिल उनका नहीं दुखाना..
दिन रात तुझे तेरी माँ ने, बाहों में तुझे झुलाया.
गीले में खुद माँ सोई, सूखे में तुझे सुलाया..
कोई भी दुःख दे कर तू, अब उनको नहीं सताना.
जिसने तुझे जन्म दिया रे, दिल उनका नहीं दुखाना..
माँ बाप की शरण से बढ़कर  , कोई स्वर्ग नहीं है दूजा.
सब छोड़ के तीरथ बन्दे , कर ले माँ बाप की पूजा..
इस जनम-मरण से बन्दे , अगर है मुक्ति पाना.
जिसने तुझे जन्म दिया रे, दिल उनका नहीं दुखाना..
     
माँ बाप से बढ़कर  जग में , नहीं दूजा कोई खजाना.
जिसने तुझे जन्म दिया रे, दिल उनका नहीं दुखाना..
दोस्तों , आपकी उम्र कुछ भी हो , अपने माँ-बाप के लिए आप आज भी बच्चे ही हैं.  जब से आप इस दुनिया में आए , आपके माता-पिता ने ही आपको संभाला है , सब कुछ सिखाया है, और आज आप इतने बड़े हो गये, जो आप उन्हे ही यह कहते नही चूकते कि मम्मी-पापा आप को तो कुछ पता ही नहीं है I
हमारे माता-पिता हमारी कमाई से कोई हिस्सा नही चाहते और न ही वे हमारे खर्चों का हिसाब हमसे माँगते हैं , वो तो केवल एक ही दुआ माँगते हैं कि हमारे बच्चे जहाँ रहें , खुश रहें I  बदले में वे सिर्फ़ इतना ही चाहते हैं कि उनके बच्चे उन्हे ignore करें और उनसे बातें करके अपने दिल का भार हल्का करें , हमारे माँ-बाप हमसे कुछ लेकर खुश नही होते बल्कि वो तो अपना सब कुछ हमें दे कर ही खुश होते हैं और सारी उम्र हमें कुछ ना कुछ देते ही रहते हैं I
पर दोस्तों , हम उनके पास केवल तब ही जातें हैं जब हम दुखी होते हैं या जब हमें उनसे कुछ लेना होता है,  ज़रा सोच कर देखें कि आज़ तक हमने उन्हें क्या दिया है ?
आज आपकी माँ आपके दिए पैसों की रोटी खाने से ज़्यादा खुश तो तब होगी जब उसकी थाली में से आप उसके हाथों से रोटी का एक निवाला खाएँ I
सच बताना मित्रों, आप कितनी बार अपने Friends के साथ Mc-Dee , Dominos , Multiplex, KFC,  या Maal गये हैं ? शायद अनगिनत बार और यह भी सच है की आप अपने माता-पिता के साथ ऐसे places शायद एक बार भी ना गये हों I सोच कर देखना क्या आपने यह सही किया है ?
आज आप इस Post को अपना कीमती समय लगा कर पूरा पढ़ रहें हैं , यह दर्शाता है कि आप अपने माता-पिता से आज भी बहुत प्यार करते हैं लेकिन समय के अभाव से अपना प्यार प्रकट नही कर पाते I जो आशाएँ आप अपनी औलाद से लगा कर उनकी परवरिश कर रहे हैं , वे सब तभी पूरी हो पाएँगीं , जब  आप अपने माता-पिता की आशाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगें I क्योंकि बच्चे बड़े होकर वही करते हैं जो वो बचपन में देखकर सीखते हैं I
दोस्तों, आज़ से एक काम करना , रोज़ सुबह उठकर अपने माता-पिता के चरण स्पर्श करके उन्हें एक अच्छी-सी जादू की झप्पी दें (गले मिलें), भले ही आपकी उम्र 20 की हो या 40 या 50 हो, सच मानना मित्रों, आपके माता-पिता के सारे दुःख  और चिंताएँ उड़न छू हो जाएँगी और वो आपको अपने दिल से इतनी दुआएँ देंगें कि आपके सभी बिगड़े हुए काम बन जाएँगे. एक बार ज़रूर करके देखें और हर रोज़ करने का प्रयास करें I अगर आप अपने माता-पिता से दूर या उनसे अलग रहते हैं तो उनसे फोन पर बात ज़रूर करें .  आप उनका हाल भले ही ना पूछें पर अपना हाल ज़रूर बताएँ. जीवन में एक नियम बना लें कि चाहे कुछ भी हो जाए आप ऐसा करते रहेंगें I यकीन मानिए ऐसा करते रहने से आपकी Life बदल जाएगी I
अगर मैं किसी एक व्यक्ति के भी दिल में अपने माता-पिता की जगह को बड़ा पाया और किसी माँ - बाप के दुःख  को कम कर पाया और उनकी खुशी को बड़ा पाया तो मैं इस Post को सफ़ल मानूँगा I 
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अंतिम में बस यही कहना चाहेंगे:- ये हमारा फर्ज है कि हम अपने जन्मदाताओं का कर्ज चुकाकर, उनका दर्द दूर करें और अपना फर्ज पूरा करें।
                                                          धन्यवाद !!!

सच्ची बात घर बैठे पैसे कमाये

 सच्ची बात घर बैठे पैसे कमाये

घर बैठे बैठे मोबाइल से पैसे कैसे कमाये
आज मोबाइल हर किसी कि जरुरत बन गया है , बच्चोँ से लेकर बड़ो तक हर किसी के पास् मोबाइल मिलेंगा क्या आपने सोचा है कि मोबाइल से भी पैसे कमाये जा सकते है अभी तक आप मोबाइल का प्रयोग बात करने गेम खेलने , गाने सुनने देखने ओर ज्यादा से ज्यादा फेसबुक ,ट्विटर , चलाने के लिए करते होंगे , आज हम आपको बता रहे है मोबाइल से पैसै कैसेः कमाये , चाहे आप कुछ भी करते हो , पढ़ाई , काम या कोइ भी काम करते हो आप चलते फिरते भी मोबाइल से पैसे कमा सकते है जो ज्यादातर अपने घर पर रहती है उनके लिये यह अच्छा जरिया हो सकताः है , इस्के लिये सबसे पहले आपको internet चलने वाला मोबाइल चाहिए और दूसरि बात इसके लिये आपको समय देना होगा
facebook -आज हर कोइ फेसबुक का दीवाना है इसका प्रयोग हम चेट करने ,photo , अपलोड करने और जानकारिया share करने मे करते है युवाओ के लिये यह सबसे अच्छा टाइमपास करने का प्लेटफॉर्म है लेकिन हम चाहे तो फेसबुक से भी पेसे कमा सकतें है आप ने फेसबुक पेज तो जरुर देखे होंगे और like भी करतें होंगेः यदि आप छोटा मोटा बिज़नेस करते है तो ऊसका एक facebook page बनाये, उस से आपके कार्य के बारे मे लोगो को पता चलेगा नये नये ग्राह्क जुड़ेंगे , facebook page से लोगो को आपकी सेवाओ के बारे मे जानकारी मिलेगी , यदि आप कुछ भी कार्य नही करते या पढ़ाई करते है तो भी आप फेसबुक पेज बना कर कमाई कर सकते है , आप किसी फेमस , अच्छे से टॉपिक पर ,ब्रांड के नाम से फेसबुक पेज बनाऎ , ज्यौ ज्यौ आपके पेज के लाइक बढ़ते जायेंगे तो आपके पेज कि वेल्यु भी बड़ती जाएंगी , जब आपके पेज के लाइक 60000 से 70000 हो जाए तो आप उसे किसी भी संस्थान को सकते है , कंपनीयां , सँस्थान , fb पेज को खरीदते है और उस से अपने संस्थान क प्रचार प्रसार करती है
Youtube -इसका प्रयोग हम video देखने मे करते है , हम चाहे तो ईस से अपना बिज़नेस भी शुऱू कर सकतें है 2005 में आई इस website लाखोँ लोग लाखो रुपये कमा रहे है आप youtube पर अपना एक चैनल बनाये , youtube video के व्यू के आधार पैसे देत है , आप कि कमाई ईस पर निर्भर करति है कि आपके वीडियो को कीतने लोगो ने देखा चैनल बन जाने पर youtube एनालिटिकल पर ok करे , फ़िर youtube आपके video कि 15 दिन तक निगरानी करेगा कि आपके वीडियो को कितने व्यू मिले अगर youtube आपकी रिक्वेस्ट को रद कर देत है तो आप फ़िर 2 month बाद रिक्वेस्ट भेजे ,यदि आपकी रिक्वैस्ट एक्सेप्ट कर लि जातीं है तो अपकी कमाई का रास्ता खुल गया है , इसके लिये आप ज्यदा से ज्यादा वीडियो uploade करे , आपको youtube को ads की परमिसन देनी होगी तब हि youtube आपको पैसे देगा ,इस के लिए अपने youtube के चैनल के डेसबोर्ड पर जाये , वहा से monetization tab -monetize with ads बॉक्स पर ओके करे आप चाहे जिस वीडियो को ads की परमिसन दे सकते है ओर चाहे जिस को नही , आप जिस वीडियो को ads की परमिसन देन्गे , ऊसी पर youtube अपने ads देगा और उसी के आपको पैसे मिलेंगे , इस के लिए यह करे - वीडियो अपलोड करने के बाद मोनिटाइज़ करने के लिये पहले वीडियो मनेजर पर जाये , फ़िर s के निसान पर ओके करे , ईस के बाद मोनेटाइज with ads बॉक्स ओके करे , इस के बाद आपका काम ख़तम , अब बारी आती है , आपकी कमाई कि आप महीने के 100 भी कमा सकते है और १००००० भी कमा सकते है
Blogger - ब्लॉगर गूगल कि एक फ्री वेबसाइट है यदि आपकी रुचि पड़ने लिखने मे है ओर आप फ़्री मे वेबसाइट बनाना चहते है तो आपके लिये ब्लॉगर सबसे अच्छी जगह है , यहा पर आप अपना ब्लॉग बना सकते है वो भी फ्री मै , ओर अपनी बात , विचार दुनिया भर में share कर सकते है , अपने मोबाइल से घर बैठे पैंसे कमा सकते है इसके लिए आपको ईमेल आईडी कि जरुरत पड़ेगी ,आप जीमेल पर आईडी बनाऎ , यदी आपके पास पहले से हि hotmail , rediffmail है तो आप अपना ब्लॉग बना सकते है , ब्लॉग बन जाने के बाद उसमे खूबसूरत them colour , logo आदि लगाये , रोजाना अपने विचार , लेख आदि पोस्ट करते रहे , अब बात आती है पैसा कमाने कि तो उसके लिये आपको ads सेन्स account बनाना होगा , इसको आप अपने ब्लॉग पर हि बना सकते है , इसी से आपकी कमाई होती है , इसके बाद गूगल आपके ब्लॉग पर अपने ad देगा , उन ads से गूगल को जितनी कमाई होगी , उसमेँ से वो आधा पेमेंट आपके अकाउंट मे ड़ाल देगीं , यदी आप गूगल के ads अपने ब्लॉग पर नही लगाना चाहते तो अपने खुद के या मीलने वालोँ के ads लगा कर भी आप पैसा कमा सकते है
olx और quikr - क्या आप घर मे पड़ा पुराना सामान बेचना चाहते है तो आपके लिये हम बता रहे है घर के फालतू या पूराने सामानो को आप अपने मोबाइल से कभी भी कही भी बेच सकते है , ओर अच्छे खासे पैसे कमा सकते है , आप olx और quikr website पर अपना एक खाता खोले ,उसमे अपना फोन नंबर और ईमेल डाल दे , उसके बाद आप जो भी बेचना चाहे जेसे कुर्सी से लेकर अपनी प्रॉपर

मोबाइल रिपेयरिंग, कम पूंजी में बड़ी कमाई का जरिया

मोबाइल रिपेयरिंग, कम पूंजी में बड़ी कमाई का जरिया

कुछ लोग पढ़ने में अच्छे होते हैं और उसी के बल पर अपनी मंजिल हासिल कर लेते हैं तो कुछ पढ़ने में भले ही औसत दर्जे के हों, पर हाथ के हुनर के बल पर सफलता की सीढ़ियां चढ़ते चले जाते हैं। मोबाइल रिपेयरिंग एक ऐसा ही हुनर है, जिसे सीख कर चाहें तो कहीं नौकरी कर लें या फिर स्वरोजगार शुरू कर दूसरों को नौकरी दें। कैसे, बता रहे हैं पं. प्रेम बरेलवी
जन संचार का माध्यम होने के कारण करीब सत्तर से अस्सी प्रतिशत लोगों की जरूरत बन चुका मोबाइल अब रोजगार के नए-नए अवसरों का जरिया भी बन गया है। मोबाइल रिपेयरिंग भी इन्हीं में से एक है। आप मोबाइल रिपेयरिंग को सफल स्वरोजगार के रूप में अपना सकते हैं। वैसे तो आप इस काम को मोबाइल मैकेनिक रख कर भी कर सकते हैं, मगर सफल स्वरोजगार के लिए आप स्वयं प्रशिक्षण लें तो बेहतर होगा।
दिल्ली और बड़े महानगरों में ही नहीं, अब देश के हर शहर और कस्बे में मोबाइल मैकेनिक की जरूरत है। साथ ही मोबाइल रिपेयरिंग के इंस्टीटय़ूट भी देश में काफी संख्या में मौजूद हैं, जहां से कोर्स करके आप आसानी से इस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। 1994 से मोबाइल रिपेयरिंग का प्रशिक्षण दे रहे आईटीआई ट्रेनिंग सेंटर के संस्थापक चिन्मय गोयल कहते हैं कि मोबाइल से संबंधित यूं तो बहुत से काम हैं, जिनमें आप करियर बना सकते हैं, लेकिन मोबाइल रिपेयरिंग एक ऐसा काम है, जो कम से कम खर्चे पर स्वरोजगार स्थापित करने में मदद तो करता ही है, साथ ही अच्छी कमाई का भी जरिया बन जाता है। इस स्वरोजगार को कैसे अंजाम दिया जा सकता है, यहां इस बारे में विस्तार से बताया जा रहा है-
कोर्स
मोबाइल मैकेनिक या इंजीनियर बनने के लिए आपको सबसे पहले किसी अच्छे संस्थान से कोर्स करना पड़ेगा। इसके लिए आप सरकारी या प्राइवेट संस्थान का चुनाव कर सकते हैं। वैसे तो मोबाइल रिपेयरिंग में अभी तक कोई डिग्री कोर्स नहीं है, लेकिन आप किसी भी संस्थान से डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स आसानी से कर सकते हैं। सरकारी संस्थानों में अभी मोबाइल रिपेयरिंग के प्रशिक्षण की कमी है। अधिकतर संस्थानों में सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि एक से तीन या छह महीने और डिप्लोमा कोर्स की अवधि एक वर्ष है।
प्रवेश और योग्यता
मोबाइल रिपेयरिंग का कोर्स करने के लिए आठवीं या दसवीं पास इच्छुक अभ्यर्थी कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा आपको हिन्दी पढ़नी-लिखनी आनी चाहिए। अंग्रेजी का ज्ञान है तो बेहतर होगा। कुछ संस्थानों में बारहवीं पास अभ्यर्थियों को ही प्रवेश दिया जाता है। कोर्स करने के लिए आप अपनी इच्छानुसार किसी भी संस्थान में जाकर दाखिला ले सकते हैं।
फीस
अलग-अलग संस्थानों में फीस अलग-अलग है, लेकिन एक एवरेज फीस दस से पंद्रह हजार है, जिसमें कुछ संस्थान टूल किट भी उपलब्ध कराते हैं। सरकारी संस्थानों में फीस कम है। स्वरोजगार समिति में एक हजार रुपए फीस है। यह सरकारी संस्थान है, जो एक महीने का सर्टिफिकेट कोर्स कराता है। इसके लिए आपको कम से कम दो साल का दिल्ली का रेजिडेंस प्रूफ देना पड़ेगा।
स्वरोजगार के लिए जरूरी तथ्य
स्वरोजगार स्थापित करने से पहले आपको कुछ जरूरी बातें ध्यान में रखनी चाहिए-
यह काफी बारीकी वाला काम है, इसलिए बहुत ध्यान से काम करने की जरूरत होती है।
पार्ट्स की जानकारी के साथ आपको कंप्यूटर की जितनी अच्छी नॉलेज होगी, आप उतने ही सफल मैकेनिक होंगे।
मार्केट में आने वाले हर मोबाइल की जानकारी के साथ उसकी कार्य प्रणाली की जानकारी से जितने अपडेट होंगे, आप उतनी ही तरक्की कर सकेंगे।
जगह का चुनाव जितनी समझदारी से करेंगे, उतना बेहतर होगा।
ग्राहकों का विश्वास जीतने के लिए मुनासिब दामों में बेहतर सर्विस भी आपके व्यवसाय की तरक्की का कारण बनेगी।
यह विद्युत संबंधी काम है, अत: आपको हमेशा सचेत रहना होगा।
फायदे
यदि आप अच्छे से किसी बात को कैच करते हैं और जल्द ही किसी चीज को या पुर्जो की बारीकियों को समझ जाते हैं तो-
यह काम कम समय की मेहनत में बेहतर परिणाम देने वाला साबित हो सकता है।
आप बड़ी शॉप खोल कर मोबाइल रिपेयर पार्ट्स भी बेच सकते हैं।
खाली समय में पुराने खराब मोबाइल ठीक करके बेचने में भी अच्छी कमाई कर सकते हैं।
मोबाइल्स की मैन्युफैक्चरिंग कर सकते हैं। एजेंसी लेकर मोबाइल का व्यापार कर सकते हैं।
मोबाइल एजेंसियों से कॉन्टेक्ट करके उनकी बिक्री के साथ खुद की वारंटी पर उन्हें बाजार में उतार सकते हैं।

मोबाइल रिपेयरिंग का काम शुरू करने के लिए सबसे पहली प्राथमिकता है जगह का चुनाव, क्योंकि जितनी भीड़भाड़ वाली जगह यानी घनी मार्केट होगी, आपका काम उतना ही अच्छा चलेगा। इसके साथ ही लाइट की व्यवस्था और ग्राहकों के आने-जाने में आसानी वाली जगह का ही चुनाव करना चाहिए।
आवश्यक औजार
मोबाइल रिपेयरिंग करने के लिए आपको एमएसडी, पेचकस सैट, सोल्डरिंग आयरन, डिजिटल मीटर और कंप्यूटर की जरूरत होगी। यह सामान आपको दिल्ली की गफ्फार मार्केट व लाजपत नगर के अलावा मुंबई, चेन्नई, भोपाल व अन्य कई शहरों में आसानी से उपलब्ध हो जाएगा।
लागत
यह काम शुरू करने के लिए तो आप पच्चीस से तीस हजार रुपए में भी काम चला सकते हैं, लेकिन मीडियम लेवल पर ठीक-ठाक काम करने के लिए आपको पचास हजार से एक लाख तक खर्च करने पड़ सकते हैं। यह लागत जगह के खर्चे को छोड़ कर है।
लोन
मोबाइल रिपेयरिंग का काम शुरू करने के लिए आप लोन भी ले सकते हैं। इसके लिए यदि आपने प्राइवेट कोर्स किया है तो सर्टिफिकेट पर जगह के आधार पर अपने नजदीक के बैंक से संपर्क करें। आप प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत भी लोन ले सकते हैं। इसके अलावा यदि आपने सरकारी संस्थान से कोर्स किया है तो भी आप लोन ले सकते हैं। लोन की सीमा 25 हजार से दो लाख तक है। यदि आप दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्वरोजगार समिति से मोबाइल रिपेयरिंग का कोर्स करते हैं तो आप पच्चीस हजार से पांच लाख तक का लोन ले सकते हैं। इसमें आपको 25 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।
आमदनी
मोबाइल रिपेयरिंग के काम में आप दस से पचास हजार रुपए प्रतिमाह तक कमा सकते हैं। यह आपके काम, जगह के चुनाव और ग्राहकों की तादाद पर निर्भर करेगा।
सक्सेस स्टोरी
अपना काम ही सबसे बेहतर है
मनोज कुमार, मोबाइल मैकेनिक

आपने मोबाइल रिपेयरिंग का क्षेत्र ही क्यों चुना?
इसके पीछे किसी की प्रेरणा या नया काम होना नहीं था, बल्कि इसका कोर्स कम समय में हो रहा था, दूसरा फीस भी अधिक नहीं थी, बस यही सोच लेकर मैंने मोबाइल रिपेयरिंग करने का विचार बना लिया।
रोजगार करने का विचार कैसे आया?
रिपेयरिंग का कोर्स करने के बाद मैंने नौकरी शुरू की। जब मुझे चार-पांच महीने नौकरी करते बीते तो एक दिन मैंने विचार किया कि जितना पैसा मैं अपने मालिक को कमा कर देता हूं, अगर यह पैसा खुद अपने लिए कमाऊं तो कितना बेहतर रहेगा। बस इसी विचार ने मुझे अपना काम करने के लिए प्रेरित किया और मैंने अपना काम स्थापित किया।
कितना पैसा कमा लेते हैं?
शुरुआत में जब मैंने अपना काम शुरू किया, तब तो दस-पंद्रह हजार रुपए महीने तक ही कमा पाता था, लेकिन अब पच्चीस-तीस हजार रुपए तक कमा लेता हूं।
नौकरी करके क्या पाते थे?
नौकरी एक-डेढ़ साल पहले करता था। कुछ खास तो नहीं मिलता था, बस खर्च चल जाता था। नौकरी से रोजी-रोटी तो चल रही थी, लेकिन तरक्की नहीं हो रही थी।
आगे बढ़ने की उम्मीद है?
हां, मैंने हाल ही में नई शॉप खोली है, जिसमें बहुत अच्छा काम चल रहा है। आगे भी अच्छा रहने की उम्मीद है। इसके अलावा मैं इस काम का और भी विस्तार देने की सोच रहा हूं। उम्मीद है कि कुछ ही समय में दो से तीन गुना कमाई कर सकूंगा।
मतलब अपने काम से संतुष्ट हैं?
आगे बढ़ने की इच्छा तो अभी बहुत है, लेकिन नौकरी से ज्यादा संतुष्ट हूं। अपना काम अपना ही होता है।

मोबाइल कभी न खत्म होने वाली जरूरत
एक्सपर्ट व्यू/ सुरेश पाराशर
सेंटर इंचार्ज, स्वरोजगार समिति, झंडेवालान, नई दिल्ली

मोबाइल रिपेयरिंग में करियर कैसा है?
हमारे देश में आज हर आदमी के हाथ में मोबाइल दिखने लगा है। जब मोबाइल है तो खराब भी होगा और खराब होगा तो उसे संभालने के लिए मैकेनिक भी चाहिए। ऐसे में मोबाइल रिपेयरिंग आय का एक अच्छा जरिया बनता जा रहा है, जो आगे बढ़ता ही जाएगा।
स्वरोजगार की दृष्टि से इस क्षेत्र में कितनी संभावनाएं हैं?
स्वरोजगार की दृष्टि से तो मोबाइल रिपेयरिंग का काम बहुत ही अच्छा है। जब कोई मोबाइल मैकेनिक कहीं नौकरी करता है तो एक लिमिट तक ही उसे वेतन मिलेगा, लेकिन जब वह अपना काम करेगा तो अनलिमिटेड कमा सकता है। यही नहीं, इसमें एक फायदा यह है कि कोई भी व्यक्ति जो कम पढ़ा-लिखा यानी केवल आठवीं पास हो, इस काम को कर सकता है। इसके अलावा कम पूंजी लगा कर इस काम को किया जा सकता है।
हर रोज नए-नए और सस्ते मोबाइल मार्केट में आ रहे हैं, ऐसे में रिपेयरिंग का काम तो धीरे-धीरे ठप हो जाएगा?
यह बात सही है कि आज हर रोज बाजार में नए-नए मॉडल और वो भी बहुत सस्ते दामों में उतारे जा रहे हैं। ऐसे में एक रिक्शे वाला भी आसानी से मोबाइल खरीद सकता है। लेकिन अगर वह एक बार एक हजार रुपए खर्च करके मोबाइल खरीदता है और वह खराब हो जाता है तो सौ-दो सौ रुपए लगा कर उसे ठीक भी कराता है, एकदम दूसरा नया सेट नहीं लेता। ऐसे में हर आम आदमी सेट को पहले ठीक ही कराएगा, जब तक कि वह बिल्कुल खराब नहीं हो जाता।
क्या ग्रामीण क्षेत्र में भी मोबाइल रिपेयरिंग का काम चल सकता है?
हां, क्यों नहीं चल सकता। मगर अब भी बहुत से गांव हैं, जहां बिजली है ही नहीं और अगर है तो उसकी आपूर्ति बहुत कम होती है। ऐसे में स्वरोजगार स्थापित करते समय इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा कि जहां आप व्यवसाय करने जा रहे हैं, ऐसी कोई दिक्कत तो नहीं है।
एक मोबाइल मैकेनिक और क्या-क्या कर सकता है?
एक मोबाइल मैकेनिक मोबाइल रिपेयरिंग के अलावा नए मोबाइल्स की बिक्री कर सकता है। किसी कंपनी की एजेंसी ले सकता है। रिचार्ज कूपन बेच सकता है। मोबाइल का सामान बेच सकता है। किसी कंपनी का डिस्ट्रिब्यूटर बन सकता है। इसके अतिरिक्त डाउनलोडिंग, फ्लेशिंग, अपलोडिंग, चाइनीज फोन्स की लॉकिंग कर सकता है। कुछ अतिरिक्त पैसा लेकर ग्राहक को अतिरिक्त वारंटी दे सकता है।

मोबाइल रिपेयरिंग: कम लागत अधिक मुनाफा

मोबाइल रिपेयरिंग: कम लागत अधिक मुनाफा

इन दिनों मोबाइल इस्तेमाल करने वालों की संख्या तो काफी बढ़ गई है, लेकिन इसे ठीक करने वाले ट्रेंड मैकेनिक गिने-चुने ही हैं। आप इसका प्रशिक्षण लेकर अपने भविष्य को बेहतर आयाम दे सकते हैं। मोबाइल रिपेयरिंग एक ऐसा स्वरोजगार है, जिसे सीख कर आप खुद का काम शुरू कर सकते हैं और अच्छी कमाई कर सकते हैं।
कैसे करें शुरुआत
मोबाइल रिपेयरिंग के लिए कुछ महीनों का प्रशिक्षण लेकर आप मोबाइल रिपेयर शॉप खोल सकते हैं। मोबाइल रिपेयरिंग शॉप शुरू करने से पहले प्रशिक्षण के अलावा सही जगह का चुनाव और कुछ जरूरी उपकरणों की आवश्यकता होती है।
जगह का चुनाव
इस काम में जगह का काफी महत्वपूर्ण स्थान है। जगह का चुनाव इस काम की सफलता की गारंटी में अहम रोल अदा करेगा। आप अपनी दुकान मार्केट में खोलें तो बेहतर होगा, साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि वहां इलेक्ट्रिसिटी की आसानी से उपलब्धता हो और ग्राहकों को आने-जाने में आसानी हो।
जरूरी उपकरण
प्रशिक्षण के दौरान आपको उपकरणों के बारे में और उनके इस्तेमाल के बारे में विस्तृत तरीके से बताया जाता है। रिपेयर के दौरान जिन उपकरणों की अधिक जरूरत पड़ती है वह हैं पेचकस सेट, एमएसडी, सोल्डिंग आयरन, डिजिटल मीटर और कंप्यूटर या लैपटॉप। ये सभी सामान आपको नजदीकी मार्केट में आसानी से मिल जाएंगे।
प्रशिक्षण
मोबाइल रिपेयरिंग ऐसा काम है, जिसे बगैर प्रशिक्षण के नहीं किया जा सकता। हर छोटे-बड़े शहर में आईटीआई और कई प्राइवेट संस्थान कुछ महीनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाते हैं। सर्टिफिकेट कोर्स दो-तीन से छह माह तक होता है, जबकि डिप्लोमा पाठय़क्रम एक वर्ष का होता है। प्रशिक्षण लेने के लिए किसी खास डिग्री की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर आप आठवीं या दसवीं उत्तीर्ण हैं तो प्रशिक्षण के दौरान आपको आसानी होगी। हालांकि कुछ संस्थान बारहवीं के बाद ही प्रशिक्षण के लिए दाखिला देते हैं।
बैंकों से मदद
इस काम को शुरू करने के लिए अगर आपके पास पूंजी नहीं हो तो आप बैंक से मदद ले सकते हैं। अधिकांश बैंक आपको स्वरोजगार योजना के तहत इस काम के लिए लोन मुहैया करा देंगे। बैंक द्वारा दिए गए कुछ मानकों को पूरा करने के बाद आपका लोन पास हो जाएगा। लोन पर कुछ राशि आपको ब्याज के रूप में देनी होगी, लेकिन सरकारी बैंकों की ब्याज दर काफी कम है।
आमदनी
किसी छोटे शहर में अपना रिपेयरिंग का काम शुरू करने पर 12 से 20 हजार रुपए प्रतिमाह आसानी से मुनाफा हो सकता है। अगर ग्राहकों के साथ संबंध अच्छे रखेंगे और अच्छा काम देंगे तो काफी कम समय में आपकी आमदनी अच्छी-खासी हो सकती है।
पूंजी
छोटे शहर में छोटे स्तर पर खुद का मोबाइल रिपेयरिंग शॉप शुरू करने के लिए जरूरी सामान और शॉप को स्थापित करने के लिए कम से कम 30 से 50 हजार रुपए की जरूरत पड़ेगी। अगर बड़े शहर में या बड़े स्तर पर इस काम को शुरू करना चाहते हैं तो एक लाख रुपए और उससे अधिक की भी जरूरत पड़ सकती है। आप अपने बिजनेस एरिया के हिसाब से शॉप शुरू करने के लिए पूंजी लगा सकते हैं।

होली पर मोबाइल भीग जाए तो अपनाएं ये उपाय

होली पर मोबाइल भीग जाए तो अपनाएं ये उपाय


रंगों का त्योहार होली आ गया है। होली पर अक्सर कुछ लोगों का मोबाइल पानी में भीग जाता है और खराब हो जाता है।

फोन के पानी में भीगने के बाद यदि आप थोड़ी सावधानी रखें तो आपका मोबाइल फिर से काम करना शुरू कर देगा।

फोन को स्विच ऑन न करें
दिल्ली में मोबाइल रिपेयरिंग का काम करने वाले जावेद अली बताते हैं कि मोबाइल के पानी में भीगने पर इसे तुरंत स्विच ऑफ करके बैटरी निकाल लें।

बैटरी निकालने के बाद मोबाइल को पेपर टॉवल से साफ करके धूप में रख दें। यदि आप फोन को धूप में नहीं रख पाते तो मैकेनिक के यहां ले जाएं, मैकेनिक आपके मोबाइल को ऐसीटोन लिक्विड से साफ कर देगा। यह लिक्विड इस्तेमाल में आसान है और यह पेट्रोल की तरह मोबाइल से उड़ जाता है।

फोन में स्पार्क‌िंग का खतरा
गाजियाबाद में मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाने वाले विनीत का कहना है कि यदि फोन पानी में भीग जाता है तो इसकी मोबाइल रिपेयरिंग सेंटर पर जाकर सर्विस करानी चाहिए।

फोन के पानी में भीगने के बाद बैटरी निकाल दें। बैटरी निकालने के बाद मोबाइल को भूलकर भी स्विच ऑन करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

यदि आप सर्विस कराएं बिना मोबाइल को चालू करते हैं तो स्पार्क‌िंग होने का खतरा बना रहता है, जिससे अक्सर फोन की आईसी खराब हो जाती है। यदि आप फोन की सर्विस नहीं कराते तो मोबाइल में भविष्य में परेशानी आ सकती है और फोन की उम्र भी कम हो जाती है।

मोबाइल रिपेयरिंग खूब कराए अर्निग

मोबाइल रिपेयरिंग खूब कराए अर्निग


गाजियाबाद में रहने वाले मोहन चौधरी किसी तरह बारहवीं तक की पढाई कर सके। उनके परिवार की वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह इसके बाद अपनी पढाई जारी रख सके। उच्च शिक्षा हासिल करने के अपने सपने को ठंडे बस्ते में डालते हुए वह कोई ऐसा शॉर्ट टर्म कोर्स करना चाहते थे, जो या तो उन्हें तुरंत रोजगार दिला सके या फिर वह कोर्स करने के बाद अपना खुद का रोजगार आरंभ कर सके । इस तलाश के दौरान ही एक दिन खुद उनके दिमाग में आया है कि आज जब शहर-देहात, छोटे-बडे हर किसी तक मोबाइल की पहुंच हो गई, तो इसमें खराबी भी जरूर आती होगी। उन्होंने यह भी पाया कि तमाम लोग मोबाइल की खराबी को लेकर परेशान रहते हैं, क्योंकि वे उसे बनवाने पर ज्यादा पैसे नहीं खर्च करना चाहते और मोबाइल कंपनी के सर्विस सेंटर पर देने से न केवल अधिक समय लगता है, बल्कि पैसे भी अधिक चुकाने पडते हैं। उनके दिमाग में ख्याल आया, क्यों न किसी अच्छे संस्थान से मोबाइल रिपेयरिंग का कोर्स करके अपने घर के आस-पास ही शॉप खोल ली जाए। इससे उन्हें रोजगार भी मिल जाएगा और वह अपने परिवार की देख-रेख भी कर लेंगे। परिवार की सहमति से उन्होंने दिल्ली स्थित एक प्रामाणिक संस्थान से मोबाइल रिपेयरिंग का छह माह का कोर्स कर लिया। हालांकि तीन महीने की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के बाद ही मोबाइल की रिपेयरिंग कर वह पैसे कमाने लगे थे। कोर्स की समाप्ति के बाद उन्होंने बैंक से लोन लेकर अपने घर के पास ही एक दुकान ले ली और वहां मोबाइल रिपेयरिंग के साथ-साथ स्थानीय बेरोजगारों को इसकी ट्रेनिंग भी देने लगे। इस तरह उनकी एक साल बीतते-बीतते उनकी मंथली इनकम बीस से तीस हजार होने लगी।
सस्ता है मोबाइल
टेक्नोलॉजी की बदौलत और कंपनियों के बीच बढती होड के चलते जिस तरह मोबाइल से बात करना बेहद सस्ता हो गया है, उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि आज सुरसा की तरह बढती महंगाई के दौर में अगर कुछ सस्ता है तो वह मोबाइल पर कॉल ही है। आज हर परिवार मोबाइल से जुडा है। पढे-लिखों से लेकर अनपढ तक, बच्चों से बूढों तक सभी मोबाइल तकनीक का लाभ उठा रहे हैं।
सब कुछ है यहां
अब मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ बात करने के लिए ही नहीं हो रहा है, बल्कि एमपी 3 की मदद से गीत-संगीत का आनंद, एफ एम रेडियो, मनी ट्रांसफर, रेलवे या हवाई जहाज के टिकट की बुकिंग, मार्केटिंग, नेविगेशन सिस्टम द्वारा दुनिया के किसी भी स्थान की जानकारी पा सकते हैं।
बढते फीचर्स 
मोबाइल की पहुंच और डिमांड बढने से देश और दुनिया की तमाम कंपनियां इसकी सेवा देने को तत्पर हैं। कंपनियों के बीच होड होने के कारण न केवल कॉल रेट लगातार सस्ते हो रहे हैं, बल्कि मोबाइल्स में एक से एक नए फीचर्स जुडते जा रहे हैं। युवाओं में इन फीचर्स को लेकर खूब उत्सुकता रहती है।
संभावनाएं
मोबाइल की तकनीक पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत होती है और कम्प्यूटर हार्डवेयर की तरह ही इसके उपकरण भी होते हैं। ऐसे में अगर किसी ने कम्प्यूटर हार्डवेयर की ट्रेनिंग ले रखी है, तो वह कम्प्यूटर के साथ मोबाइल की खराबी भी दूर कर सकता है-बशर्ते कि उसने कार्ड लेवल की बजाय चिप लेवल की हार्डवेयर-नेटवर्किंग ट्रेनिंग ली हो। इसके बढते उपयोग को देखते हुए इसके रख-रखाव, रिपेयरिंग, असेंबलिंग, सॉफ्टवेयर लोडिंग, वायरस रिमूव करने, मोबाइल अपग्रेड करने, पासवर्ड ब्रेक, रींइंस्टॉल, सेल-परचेज आदि के क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। हालांकि भारत जैसी विशाल आबादी वाले देश में बडे बाजार को देखते हुए मल्टीनेशनल कंपनियां तक इस क्षेत्र में कूद पडी हैं और आकर्षक सैलरी पर जॉब ऑफर कर रही हैं।
कोर्स की उपलब्धता
मोबाइल रिपेयरिंग का कोर्स आठवीं पास से लेकर ग्रेजुएट और बीटेक भी अपनी जरूरत के हिसाब से कर सकते हैं। इस तरह के कोर्स देश के प्राय: सभी बडे शहरों में उपलब्ध हैं। जिसकी अवधि तीन से छ: माह की होती है। ध्यान रखें, कोर्स उसी संस्थान से करें जहां अधिक से अधिक प्रैक्टिकल ट्रेनिंग कराई जाती हो और वह भी एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ। चूंकि यह कोर्स इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और डिजिटल तकनीक पर आधारित होता है, इसलिए अगर आपको इसकी पहले से जानकारी है तो आप सीधे प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी ले सकते हैं। एक अच्छे संस्थान में मोबाइल के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों के बारे में बताने के साथ-साथ इसमें होने वाले फॉल्ट्स के बारे में भी बताया जाता है।
कमाई
विश्वसनीय संस्थान से कोर्स के बाद आप किसी मोबाइल कंपनी में आसानी से 8 से 10 हजार रुपये की नौकरी हासिल कर सकते हैं। अनुभव के साथ आय में भी इजाफा तय है। आप चाहें तो अपनी शॉप खोलकर भी काम कर 20 से 30 हजार रुपये की मासिक आय कमा सकते हैं।