Monday, 4 January 2016

रिश्तों की अहमियत अपने दोस्तो को बताये

रिश्तों की अहमियत

हम लोग जिंदगी में अक्सर एक दूसरे से यही सवाल पूछे हुए अक्सर पाये जाते है कि आखिर जिंदगी में रिश्तों की क्या एहमियत होती है !आखिर वो कौन सी कड़ी होती है रिस्तों में जो दो लोगों को एक दूसरे से जोड़े रहती है !दरअसल रिश्तें जिंदगी की वो सच्चाई है जो हमें हर पल इस बात का एहसास कराते  है की कोई है जो हर सुख दुःख में हमारे पास है


इन रिश्तों को अक्सर कई लोग परिभाषाओं में बाँधने की कोशिश करते हैं मगर रिश्ते तो असल में एक एहसास है जिसकी न तो कोई बोली है न ही कोई भाषा !
True-Relationship-Quotes

हम रिश्तों की एहमियत को इस तरह भी समझ सकते है कि इस जहां में जब भी कोई नन्ही सी जान कदम रखती है तो उसकी सबसे पहली मुलाकात होती है इस दुनिया के सबसे हसीं और पाक रिश्ते से यानि ममता के रिश्ते से !
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ये रिश्ता सभी रिश्तों में सबसे ख़ास माना जाता है और ये रिश्ता ख़ास होता भी है क्योंकि इस निश्ते में निश्वार्थता होती है । ये रिश्ता हमें आगे चलकर बस खुशियाँ ही प्रदान करता है और हमें नए रिश्तों से बांधता भी है।
मगर ये जिंदगी हमें सिर्फ खुशियाँ ही नहीं देता ,बल्कि इस ज़िन्दगी में दुखों की भी दस्तक कभी होती है ,इसलिए ऐसा कहा जाता है कि  जीना इसी का नाम है आज सुबह तो कल शाम है और इन दो पहरों में खूबसूरती तलाशना ही आपका काम है !
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वैसे जिंदगी में इन दो पहरों की खूबसूरती को जब हम तलाशते है तब हमारी मुलाकात होती है और भी कई रिश्तों से। वो रिश्ते होतें हैं दोस्ती ,ईमानदारी और समझदारी के रिश्ते !
जो इंसान इन सभी रिश्तों की एहमियत को समझ लेते हैं ,उनका शायद ही कभी दुखों से पाला है । दरअसल ये सारे रिश्ते इंसान को हर मोड़ पर बांधे रखते है ,उनका विश्वास कभी हिलने नहीं देते !
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हालाँकि हकीकत ये भी है कि आज लोग जिंदगी को सुलझाने की जंग में  इतना उलझ गए है कि  वो खुद से खुद के रिश्ते को ही भूल गए हैं ।दरअसल हम इंसानियत के रिश्ते को भूलते जा रहे हैं ,जो की हर रिश्ते का आधार है
इस इंसानियत के रिश्ते को भूलने का कारन ये है कि हमने आपने आप को ही पहचानने से इंकार कर दिया है ।आज रिश्तों की इस भीड़ में हम महज कुछ मतलबी ढांचों  के रूप में ही नज़र आते है बस !
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इसीलिए ऐसा कहा जाता है की रौशनी के इस अँधेरे में इतना मत खो जाना दोस्त की चाह कर भी जीवन में किसी सच्चे रिश्ते से मुलाकात न कर पाओ !अक्सर कच्ची डोरें ही रिश्तों को तोड़ती है|
friendship

निष्कर्ष -रिश्तों की एहमियत आज इसलिए भी समझना जरुरी है क्यूंकि दुनिया की डगर आगे और भी मुश्किल है हम  सबके लिए!अगर हम अब भी नहीं सम्भले तो शायद ज्यादा देर हो जाएगी।

मौत तो सच्चाई है जिंदगी की


मौत तो सच्चाई है जिंदगी की, इससे कहा कोई बच पाया है
जिया है जो औरो  के लिए , उसने ही अपनी जिंदगी का एहसान सच में चुकाया है …
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