रिश्तों की अहमियत
इन रिश्तों को अक्सर कई लोग परिभाषाओं में बाँधने की कोशिश करते हैं मगर रिश्ते तो असल में एक एहसास है जिसकी न तो कोई बोली है न ही कोई भाषा !
हम रिश्तों की एहमियत को इस तरह भी समझ सकते है कि इस जहां में जब भी कोई नन्ही सी जान कदम रखती है तो उसकी सबसे पहली मुलाकात होती है इस दुनिया के सबसे हसीं और पाक रिश्ते से यानि ममता के रिश्ते से !
ये रिश्ता सभी रिश्तों में सबसे ख़ास माना जाता है और ये रिश्ता ख़ास होता भी है क्योंकि इस निश्ते में निश्वार्थता होती है । ये रिश्ता हमें आगे चलकर बस खुशियाँ ही प्रदान करता है और हमें नए रिश्तों से बांधता भी है।
मगर ये जिंदगी हमें सिर्फ खुशियाँ ही नहीं देता ,बल्कि इस ज़िन्दगी में दुखों की भी दस्तक कभी होती है ,इसलिए ऐसा कहा जाता है कि जीना इसी का नाम है आज सुबह तो कल शाम है और इन दो पहरों में खूबसूरती तलाशना ही आपका काम है !
वैसे जिंदगी में इन दो पहरों की खूबसूरती को जब हम तलाशते है तब हमारी मुलाकात होती है और भी कई रिश्तों से। वो रिश्ते होतें हैं दोस्ती ,ईमानदारी और समझदारी के रिश्ते !
जो इंसान इन सभी रिश्तों की एहमियत को समझ लेते हैं ,उनका शायद ही कभी दुखों से पाला है । दरअसल ये सारे रिश्ते इंसान को हर मोड़ पर बांधे रखते है ,उनका विश्वास कभी हिलने नहीं देते !
हालाँकि हकीकत ये भी है कि आज लोग जिंदगी को सुलझाने की जंग में इतना उलझ गए है कि वो खुद से खुद के रिश्ते को ही भूल गए हैं ।दरअसल हम इंसानियत के रिश्ते को भूलते जा रहे हैं ,जो की हर रिश्ते का आधार है
इस इंसानियत के रिश्ते को भूलने का कारन ये है कि हमने आपने आप को ही पहचानने से इंकार कर दिया है ।आज रिश्तों की इस भीड़ में हम महज कुछ मतलबी ढांचों के रूप में ही नज़र आते है बस !
इसीलिए ऐसा कहा जाता है की रौशनी के इस अँधेरे में इतना मत खो जाना दोस्त की चाह कर भी जीवन में किसी सच्चे रिश्ते से मुलाकात न कर पाओ !अक्सर कच्ची डोरें ही रिश्तों को तोड़ती है|
निष्कर्ष -रिश्तों की एहमियत आज इसलिए भी समझना जरुरी है क्यूंकि दुनिया की डगर आगे और भी मुश्किल है हम सबके लिए!अगर हम अब भी नहीं सम्भले तो शायद ज्यादा देर हो जाएगी।
मौत तो सच्चाई है जिंदगी की
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Posted in Motivational Shayari, Nice Thoughts
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