Tuesday, 5 January 2016

है भी, मगर नहीं है जरूर पढे

है भी, मगर नहीं है

लोग एक छोटी सी शिकायत दर्ज कराते हैं कि नल है, मगर उसमें पानी नहीं आता। वे बिचारे नहीं जानते कि इस देश में चीजें होती ही इसलिए हैं कि उसमें वह न हो जिसके लिए वे होती हैं।

नल हैं, मगर पानी नहीं आता। हैंडपंप हैं, मगर चल नहीं रहे। विभाग हैं, काम नहीं करते। टेलिफोन लगाया, लगा नहीं अफसर हैं, मगर छुट्टी पर हैं। बाबू हैं मगर उसे पता नहीं। आवेदन किया था, मंजूर नहीं हुआ। रिपोर्ट लिखायी थी, कुछ हुआ नहीं। जांच हुई थी, रिपोर्ट नहीं आयी। योजना स्वीकृत है, पर बजट मंजूर नहीं है। बजट स्वीकृत है, रुपया नहीं आया। पद है, पर आजकल खाली है। आदमी योग्य था, तबादला हो गया। आफीसर ठीक है, मगर उसके मातहत ठीक नहीं। भई, मातहत तो काम करना चाहते हैं, ऊपर से ऑर्डर नहीं आता। मशीन आ गयी, बिगड़ी पड़ी है। कारखाना है, बिजली नहीं है। करंट है, तार खराब है। उत्पादन हो रहा है, बिक्री नहीं है। मांग है तो पूर्ति नहीं है। पूर्ति कर सकते हैं, कोई डिमांड तो करे !

यात्री खड़े हैं, टिकिट नहीं मिल रहा। टिकिट मिल गया, ट्रेन लेट है। गाड़ी आयी, जगह न थी; जगह मिली, सामान रखा था। एअर का टिकिट लिया वेटिंग लिस्ट में हैं। सीट कन्फर्म हुई, फ्लाइट कैंसल हो गयी। घर पहुँचे तो मिले नहीं। मिले, मगर जल्दी में थे। तार भेजा, देर से पहुँचा। चिट्ठी भेजी, जवाब नहीं आया।

आये, पर आते ही बीमार पड़ गये। इंजेक्शन दिया, पर कुछ फरक न पड़ा। अस्पताल गये, बेड खाली नहीं था। बेड पर पड़े हैं, कोई पूछनेवाला नहीं है। शिकायत करें, मगर कोई सुननेवाला नहीं है। नेता हैं, मिल नहीं सके। सुन तो लिया, कुछ किया नहीं। शिलान्यास हुआ, इमारत नहीं बनी। बिल्डिंग है, मगर दूसरे काम में आ रही। हां, काम चल रहा है, मगर हमें क्या फायदा ! स्कूल है, पर हमारे बच्चे को ऐडमीशन नहीं मिली। पढ़ने गये थे, बिगड़ गये। टीम भेजी थी, हार गयी। प्रोग्राम हुआ था, मगर जमा नहीं। हास्य का था, मगर हंसी नहीं आयी।

पूछा था, बोले नहीं। खबर थी, अफवाह निकली। अपराध हुआ, गिरफ्तारी न हुई। संपादक के नाम पत्र भेजा था, छापा नहीं। कविता लिखी, कोई सुननेवाला नहीं है। नाटक हुआ, भीड़ न थी। पिक्चर लगी, चली नहीं। किताब छपी थी, बिकी नहीं। बहुत ढूँढ़ी मिली नहीं। आयी थी, खतम हो गयी।

क्या करें, कुछ होता नहीं है। कुर्सी पर बैठा, मगर ऊंघ रहा है। फाइल पड़ी है, दस्तखत नहीं हो रहे। फार्म भरा था, गलती हो गयी। क्या बोलें, कुछ समझ में नहीं आता। आवाज लगायी, किसी ने सुना नहीं। वादा किया था, भूल गये। याद दिलायी, तब तक उनका डिपार्टमेन्ट चेंज हो गया था।

फोन किया, मगर साहब बाथरूम में थे। दफ्तर किया, मीटिंग में थे। डिग्री मिल गयी तो नौकरी नहीं मिली। अनुभवी हुए तो रिटायर हो गये।
पैसा बहुत है, मगर ब्लैक का है। पूँजी जुटायी, मगर तब तक मशीन के भाव बढ़ गये। फ्लैट खाली है, किराये से दे नहीं रहे। बेचना है, कोई खरीदार नहीं मिल रहा। लेना चाहते हैं, मगर बहुत महंगा है।

क्या है, क्या नहीं है। कर्फ्यू हटा तो फिर झगड़े हो गये। स्थिति नियंत्रण में है, मगर ख़तरा बना हुआ है। आदमी हैं, मगर मनुष्यता नहीं रही। दिल हैं, मगर मिलते नहीं। देश अपना हुआ, मगर लोग पराये हो गये। आप नल में पानी न होने का कह रहे हैं। साहब, बहुत कुछ है, मगर फिर भी वह नहीं है जिसके लिए वह है।

जिसके हम मामा हैं


एक सज्जन बनारस पहुँचे। स्टेशन पर उतरे ही थे कि एक लड़का दौड़ता आता।
‘‘मामाजी ! मामाजी !’’—लड़के ने लपक कर चरण छूए।
वे पहताने नहीं। बोले—‘‘तुम कौन ?’’
‘‘मैं मुन्ना। आप पहचाने नहीं मुझे ?’’

‘‘मुन्ना ?’’ वे सोचने लगे।
‘‘हाँ, मुन्ना। भूल गये आप मामाजी ! खैर, कोई बात नहीं, इतने साल भी तो हो गये।’’
‘‘तुम यहां कैसे ?’’

‘‘मैं आजकल यहीं हूँ।’’
‘‘अच्छा।’’
‘‘हां।’’
मामाजी अपने भानजे के साथ बनारस घूमने लगे। चलो, कोई साथ तो मिला। कभी इस मंदिर, कभी उस मंदिर। फिर पहुँचे गंगाघाट। सोचा, नहा लें।

‘‘मुन्ना, नहा लें ?’’
‘‘जरूर नहाइए मामाजी ! बनारस आये हैं और नहाएंगे नहीं, यह कैसे हो सकता है ?’’
मामाजी ने गंगा में डुबकी लगाई। हर-हर गंगे।

बाहर निकले तो सामान गायब, कपड़े गायब ! लड़का...मुन्ना भी गायब !
‘‘मुन्ना...ए मुन्ना !’’
मगर मुन्ना वहां हो तो मिले। वे तौलिया लपेट कर खड़े हैं।
‘‘क्यों भाई साहब, आपने मुन्ना को देखा है ?’’

‘‘कौन मुन्ना ?’’
‘‘वही जिसके हम मामा हैं।’’
‘‘मैं समझा नहीं।’’
‘‘अरे, हम जिसके मामा हैं वो मुन्ना।’’
वे तौलिया लपेटे यहां से वहां दौड़ते रहे। मुन्ना नहीं मिला।

भारतीय नागरिक और भारतीय वोटर के नाते हमारी यही स्थिति है मित्रो ! चुनाव के मौसम में कोई आता है और हमारे चरणों में गिर जाता है। मुझे नहीं पहचाना मैं चुनाव का उम्मीदवार। होनेवाला एम.पी.। मुझे नहीं पहचाना ? आप प्रजातंत्र की गंगा में डुबकी लगाते हैं। बाहर निकलने पर आप देखते हैं कि वह शख्स जो कल आपके चरण छूता था, आपका वोट लेकर गायब हो गया। वोटों की पूरी पेटी लेकर भाग गया।

समस्याओं के घाट पर हम तौलिया लपेटे खड़े हैं। सबसे पूछ रहे हैं—क्यों साहब, वह कहीं आपको नज़र आया ? अरे वही, जिसके हम वोटर हैं। वही, जिसके हम मामा हैं।
पांच साल इसी तरह तौलिया लपेटे, घाट पर खड़े बीत जाते हैं।

आम आदमी की पहचान


मैं उसके सामने खड़ा था। ज़िंदा खड़ा था। मगर उसने मेरे अस्तित्व से साफ इन्कार कर दिया। वह यह मानने को तैयार नहीं था कि मैं ‘मैं’ हूँ। और जब तक वह मानता नहीं, मुझे गवर्मेन्ट डिपार्टमेंट से रुपए नहीं मिल सकते हैं।
‘‘मैं आपके सामने साक्षात खड़ा हूँ। मैं’’

‘‘प्रमाण क्या है ?’’—उसने पूछा।
‘‘मेरे खड़े होने का ?’’
‘‘अजी आप आप हैं, यह मैं कैसे जानूं ? मुझे सबूत चाहिए।’’

‘‘यार, मैं ज़िंदा हूँ, यह बात कोई अफवाह तो नहीं है।’’
‘‘यह मैं कुछ नहीं जानता, मुझे सबूत चाहिए।’’
‘‘आप भारतीय संस्कृति पर भरोसा करते हैं ?’’ मैंने पूछा।
‘‘कर सकता हूँ, बशर्ते उससे दफ्तर के काम में बाधा नहीं आए।’’

‘‘तो ठीक है, मैं घर जाकर अपनी पत्नी को ले आता हूँ।’’
‘‘क्यों ?’’
‘‘आप उसके माथे पर बिंदी देखिए। मांग में सिंदूर लगा है। मेरे पास मेरे ज़िंदा होने का इससे बढ़कर कोई प्रमाण नहीं।’’
‘‘कमाल है !’’

‘‘किस बात का ?’’
‘‘आप भी पढ़े-लिखे होकर ऐसी बातें कर रहे हैं।’’
‘‘भैया, भारतीय संस्कृति में यही प्रमाण होता है।’’
वह कुछ देर चुप रहा, फिर बोला—
‘‘आप पति हैं ?’’

‘‘जी हां।’’
‘‘वो आपकी पत्नी हैं ?’’
‘‘और क्या ?’’

‘‘क्या सबूत इस बात का ?’’
‘‘वह मेरी एकमात्र पत्नी है और मैं उसका एकमात्र पति हूँ, हम शरीफ लोग हैं यार !’’
‘‘ऐसा...तो जाओ, अपने एरिया के सब इंस्पेक्टर पुलिस से लिखवा लाओ कि हम शरीफ हैं।’’

समझें इस जीवन को और खुद को

समझें इस जीवन को और खुद को


यह पृथ्वी भी रहस्यपूर्ण है और इंसान भी। जितने रहस्य बाहर पृथ्वी के तल पर घटते हैं शायद उससे भी कई ज्यादा रहस्य इंसान के अंतःस्थल पर घटते हैं और जब यह दोनों मिलते हैं तो यह जीवन और भी रहस्यपूर्ण हो जाता है। कहां, किसमें, क्या और कितना छिपा है इस बात का अंदाजा तक नहीं लगाया जा सकता। जीवन के और खुद के रहस्य को समझना और आपस में दोनों तालमेल बिठाना ही जीवन जीने की कला है और इस रहस्य को जानने के लिए जरूरी है इस जीवन को जीना। इससे जुड़े सवालों का उत्तर खोजना, जैसे—यह जीवन क्यों मिला है ? और जैसा मिला है, वैसा क्यों मिला है ? जब मरना ही है तो जीवन का क्या लाभ ? जब सब कुछ छिन ही जाना है, साथ कुछ नहीं जाना तो फिर यह जीवन इतना कुछ देता ही क्यों है ? जब सबसे बिछड़ना ही है तो इतनों से क्यों मिलते हैं, क्यों जुड़ते हैं संबंधों से ? क्यों बसाते हैं अपना संसार ?

इंसान सीधे-सीधे क्यों नहीं मर जाता, इतने उतार चढ़ाव इतने कष्ट क्यों ? इंसान सरलता से क्यों नहीं मर जाता, इतनी परीक्षाएं क्यों ? कहते हैं सब कुछ पहले से ही तय है कि कौन क्या करेगा, कब करेगा, कितना और कैसा जिएगा ? यह सब पहले से ही निर्धारित है। इंसान बस उसको भोगता है, उससे गुजरता है। जब सब कुछ पहले से ही तय है तो फिर कर्म और भाग्य क्यों ? गीता कहती है ‘यहां हमारा कुछ नहीं, हम खाली हाथ आए थे और खाली हाथ जाएंगे।’ यदि यह सत्य है तो इंसान के हाथ इतने भर क्यों जाते हैं कहां से जुटा लेता आदमी इतना कुछ ? यह सब सोचने जैसे है।

सुनकर, सोचकर लगता है कि यह ‘जीवन’ कितना उलझा हुआ है, यह दो-दो बातें करता है। न हमें ठीक से जलने देता है न ही बुझने देता है। हमें बांटकर, कशमकश में छोड़ देता है। सोचने की बात यह है कि यह जीवन उलझा हुआ है या हम उलझे हुए हैं ? उलझने हैं या पैदा करते हैं ? कमी जीवन में है या इसमें ? हमें जीवन समझ में नहीं आता या हम स्वयं को समझ नहीं पाते ? यह जन्म जीवन को समझने के लिए मिला है या खुद को समझने के लिए ? यह सवाल सोचने जैसे हैं।
कितने लोग हैं जो इस जीवन से खुश हैं ? कितने लोग हैं जो स्वयं अपने आप से खुश हैं ? किसी को अपने आप से शिकायत है तो किसी को जीवन से। सवाल उठता है कि आदमी को जीवन में आकर दुख मिलता है या फिर वह अपनी वजह से जीवन को दुखी बना लेता है ? यदि जीवन में दुख होता तो सबके लिए होता, और हमेशा होता। मगर यही जीवन किसी को सुख भी देता है। जीवन सुख-दुख देता है या फिर आदमी सुख-दुख बना लेता है ? यह दोहरा खेल जीवन खेलता है या आदमी ? यह सब सोचने जैसे है।

देखा जाए तो जीवन यह खेल नहीं खेल सकता, क्योंकि जीवन कुछ नहीं देता। हां जीवन में, जीवन के पास सब कुछ है। वह देता कुछ नहीं है, उससे इंसान को लेना पड़ता है। यदि देने का या इस खेल का जिम्मा जीवन का होता तो या तो सभी सुखी होता या सभी दुखी होते या फिर जिस एक बात पर एक आदमी दुखी होता है सभी उसी से दुखी होते तथा सब एक ही बात से सुखी होते, मगर ऐसा नहीं होता। तो इसका अर्थ तो यह हुआ कि यह खेल आदमी खेलता है। आदमी जीवन को सुख-दुख में बांट लेता है। यदि यह सही है तो इसका क्या मतलब लिया जाए, कि आदमी होना गलत है ? यानी इस जीवन में आना, जन्म लेना गलत है ? एख तौर पर यह निष्कर्ष ठीक भी है न आदमी जन्म लेगा, न जीवन से रू-ब-रू होगा न ही सुख-दुख भोगेगा। न होगा बांस न बजेगी बांसुरी।

मगर सच तो यह हम स्वयं को जन्म लेने से नहीं रोक सकते। जैसे मृत्यु आदमी के हाथ में नहीं है वैसे ही जन्म भी आदमी के हाथ में नहीं है। अब क्या करें ? कैसे बचें इस जीवन के खेल से ? क्या है हमारे हाथ में ? एक बात तो तय है आदमी होने से नहीं बचा जा सकता, लेकिन उसको तो ढूंढ़ा जा सकता है जो आदमी में छिपा है और जिम्मेदार है इस खेल का। पर कौन है आदमी में इतना चालाक, चंचल, जी जीवन को दो भागों में बांटने में माहिर है ? जो अच्छे भले जीवन को दुख, दर्द, तकलीफ, कष्ट, क्रोध, ईर्ष्या, बदला, भय आदि में बांट देता है।

शायद मन या फिर निश्चित ही मन। क्योंकि जहां मन है वहां कुछ भी या सब कुछ संभव है। संभावना की गुंजाइश है तो हमें जीवन को नहीं मन को समझना है क्योंकि यदि हमने मन को संभाल लिया तो समझो जीवन को संभाल लिया। सभी रास्ते मन के हैं, सभी परिणाम मन के हैं, वरना इस जन्म में, इस जीवन में रत्ती भर कोई कमी या खराबी नहीं। अपने अंदर की कमी को, मन की दोहरी चाल को समझ लेना और साध लेना ही एक कला है, एक मात्र उपाय है। इसलिए इस जीवन को कौसे जिएं कि इस जीवन में आना हमें बोझ या सिरदर्दी नहीं, बल्कि एक उपहार या पुरस्कार लगे। और वह भी इतना अच्छा कि किसी मोक्ष या निर्वाण मिले मरने के बाद नहीं। ऐसे जीना या इस स्थिति एवं स्तर पर जीवन को जीना वास्तव में एक कला है और कोई भी कला साधना के, तप के नहीं सधती। तभी तो अनुभवियों ने कहा यह जीवन एक साधना है। अन्य अर्थ में कह सकते हैं कि यह जीवन जीना एक कला है जिसके लिए जरूरी है इस जीवन को और खुद को समझना।

जीवन नजरिए का खेल है


जीवन और कुछ नहीं आधा गिलास पानी भर है। जी हां सुख-दुख से भरा यह जीवन हमारे नजरिए पर टिका है। गिलास एक ही है परंतु किसी के लिए आधा खाली है तो किसी के लिए आधा भरा हुआ है। ऐसे ही यह जीवन है किसी के लिए दुखों का अम्बार है तो किसी के लिए खुशियों का खजाना। कोई अपने इस जन्म को, इस जीवन में आने को सौभाग्य समझता है तो कोई दुर्भाग्य। किसी का जीवन शिकायतों से भरा है तो किसी का धन्यवाद से। किसी को मरने की जल्दी है तो किसी को यह जीवन छोटा लगता है। एक ही जीवन है, एक ही अवसर है परंतु फिर भी अलग-अलग सोच है, भिन्न-भिन्न परिणाम हैं। सब कुछ हमारे नजरिए पर टिका है, मारी समझ से जुड़ा है। इसीलिए एक कहावत भी है (जाकि रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन वैसी) जिसकी जैसी भावना होती है उसको वैसे ही परिणाम मिलते हैं।

इसे यूं एक कथा समझें। तीन मजदूर एक ही काम में संलग्न थे। इनका काम दिन भर सिर्फ पत्थर तोड़ना ही था। जब एक से पूछा गया कि आप क्या कर रहे हो ? तो उसने गुस्से से, शिकायत भरी नजर उठाकर कहा ‘दिख नहीं रहा अपनी किस्मत तोड़ रहा हूं, पसीना बहा रहा हूं और क्या’। दूसरे मजदूर से भी यही सवाल किया गया। उसके उत्तर में गुस्सा नहीं दर्द था, आंखों में शिकायत नहीं नमी थी। कुम्हलाते स्वर में उसने कहा ‘पापी पेट के लिए रोटी जुटा रहा हूं, जिंदा रहने का जुगाड़ कर रहा हूं।’ जब यही प्रश्न तीसरे मजदूर से किया गया तो उसका उत्तर कुछ अलग ही था। न तो उसके लहजे में कोई शिकायत की बू थी न ही कोई दर्द। आंखों में न गुस्सा था न ही कोई नमी। उसके उत्तर में एक संगीत था, एक आभार था। आंखों में तेज और प्रेम था। उसने आनंदित स्वर में कहा ‘मैं पूजा कर रहा हूं, यहां भगवान का मंदिर बनने जा रहा है, मैं उसमें सहयोग दे रहा हूं। मैं भाग्यशाली हूं, आभारी हूं उस परमात्मा का उसने एक नेक कार्य के लिए मुझे चुना। यह शुभ कार्य मेरे हाथों से हुआ। भगवान मेरे हाथों द्वारा बनाए गए मंदिर में विहार करेंगे। प्रभु ने मेरी सेवा को स्वीकारा, मैं धन्य हो गया। मुझे और क्या चाहिए, मुझे कार्य करने में आनन्द आ रहा है, मैं आनंदित हूं यह मेरे लिए भतेरा है।

ऐसे ही जीवन है। दृष्टिकोण के कारण ही सब कुछ, सुख-दुख, लाभ-हानि, धन्यवाद-शिकायत आदि में बंट जाता है। सुख-दुख का कोई परिमाप नहीं है सब हमारी सोच पर, हमारे नजरिए पर निर्भर है। किसी के लिए कोई तारीख या वर्ष अच्छा है तो किसी के लिए वही तारीख वही वर्ष अशुभ हो जाता है। यह सब हम उनके परिणाम को देखकर तय करते हैं। और परिणाम कुछ और नहीं, हमारा नजरिया है। किसी को इस बात की चिंता है कि यह वर्ष इतनी जल्दी बीते जा रहा है तो किसी को इस बात की खुशी है कि अच्छा हुआ यह वर्ष बीत गया, अब नया वर्ष आएगा। किसी को इस वर्ष के अंत का इंतजार है तो किसी को नए वर्ष का इंतजार है। कोई तो ऐसे भी हैं जो दुखी हैं और इस वर्ष से, वर्ष की यादों से चिपके बैठे हैं। किसी को गम है कि वह एक वर्ष और बूढ़े हो गए तो किसी को खुशी है कि वह एक वर्ष और भी अनुभवी और प्रौढ़ हो गए हैं। इसलिए सब कुछ आप पर टिका है। आप चाहें तो गिलास को पूरा देखें या आधा सब आप पर निर्भर है।

हार चुके हैं बदकिस्मती से तो ये बातें फिर से आपको विनर बना देंगी

हार चुके हैं बदकिस्मती से तो ये बातें फिर से आपको विनर बना देंगी



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“किस्मत”... एक ऐसा शब्द है, जिसे कभी-कभी तो लोग बेहद खुशी से पुकारते हैं लेकिन जब वे बेहद परेशान हों तो वे उस इंसान को कोसते हैं जिसने यह शब्द बनाया। लोग कहते हैं कि किस्मत एक राजा को रंक और एक गरीब को भी अमीर बना सकती है। क्या आप भी किस्मत के इस दस्तूर को मानते हैं?
4.3

नुकसान ही नहीं, फायदा भी है ‘भांग’ का सेवन करने में


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भगवान शिव का नाम लेते हुए लोग खूब मज़े से भांग के गिलास पीते चले जाते हैं, लेकिन इस बात से अनजान होते हैं कि यह भांग हमें कितना नुकसान पहुंचा रही है। भांग को शिवजी का प्रसाद माना जाता है लेकिन डॉक्टरों की मानें तो भांग का सेवन करना हमारे लिए बिल्कुल भी सही नहीं है।

भिंडी खाने के फायदे


भिंडी खाने के फायदे
भिंडी खाने के फायदे
कोलन कैंसर
कोलन कैंसर को दूर करने में भिंडी बहुत फायदेमंद होती है। यह आंतों में मौजूद विषैले तत्‍वों को दूर करने का काम करती है। इससे आंतें पहले से बेहतर तरीके से काम करती हैं और उनके काम करने की क्षमता बढ़ जाती है। इससे कोलन कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
मधुमेह को नियंत्रित करने में
भिंडी में डाइट्री फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं, जो ब्लड-शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने का काम करता है. भिंडी का एंटी-डायबटिक गुण बीटा-सेल्स के विकास में भी मददगार होता है।
कब्ज
भिंडी कब्ज को भी दूर करती है। यह डायटरी फाइबर का सबसे अच्‍छा स्रोत मानी जाती है, जो हमारी पाचन क्रिया के लिए काफी लाभकारी होती है। यह घुलनशील फाइबर शरीर में मौजूद पानी में घुल जाते हैं, जिससे हमारी पाचन क्रिया दुरुस्‍त हो जाती है।
हार्ट डिजीज में फायदेमंद
शरीर में कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा हो जाने की वजह से दिल संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. भिंडी में मौजूद पेक्ट‍िन नामक तत्व कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है. इसके साथ ही ये एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है।
भिंडी के पोषण तथ्य
भले ही भिंड़ी बगीचे में उगाई जाने वाली एक पारंपरिक सब्जी ना हो लेकिन यह विटामिन और खनिजों सहित विटामिन ए, बी, सी, ई और के एवं कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, पोटेशियम, और जस्ता से समृद्ध है। इसके अलावा, भिंडी में उच्च स्तर का लसदार फाइबर होता है।
नेत्र दृष्टि को तेज करता है
भिंडी में बहुत ही उच्च मात्रा में विटामिन ए एवं बीटा, कैरोटीन, जेनथेन, और लुटिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट मौजूद हैं। एंटीऑक्सीडेंट शक्तिशाली यौगिक हैं जो मुक्त कणों को नष्ट या बेअसर करते हैं जोकि सेलुलर चयापचय के खतरनाक प्रतिफल हैं। मुक्त कण शरीर में कोशिकाओं को हानि पहुंचाने के लिए जिम्मेदार हैं, साथ ही नत्रहीनता के लिए भी जिम्मेदार हैं। अपने आहार में अधिक मात्रा में भिंड़ी की सब्जी को शामिल करने से आपकी नजर तो तेज होगी ही साथ ही आख की मैक्यूला के व्यपजनन और मोतियाबिंद से भी बचाएगा।
अनीमिया से बचाये
भिंडी में मौजूद आयरन तत्‍व हमारे शरीर के लिए काफी लाभकारी होते हैं। यह रक्‍त में हीमोग्‍लोबिन का निर्माण करते हैं, जिससे आप अनीमिया से बचे रहते हैं। इसके साथ ही भिंडी में मौजूद विटामिन के रक्‍त स्राव को रोकने में मदद करता है, जिससे किसी विकट परिस्थिति में शरीर से रक्‍तस्राव बहुत कम होता है।
वजन रखे काबू
जो लोग वजन कम करना चाहते हैं, उनके लिए भिंडी में मौजूद फाइबर से अच्‍छा और कोई उपाय नहीं है। भिंडी में कैलोरी की मात्रा बिलकुल भी नहीं होती , इसलिए यह वजन कम करने का अच्‍छा उपाय माना जाता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में
भिंडी में भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है. अगर आप प्रतिदिन 100 ग्राम भिंडी का सेवन कर रहे हैं तो प्रतिदिन आपके शरीर के लिए आवश्यक विटामिन सी की मात्रा का 38 प्रतिशत इससे पूरा हो जाता है. विटामिन सी कई बीमारियों और संक्रमण से सुरक्ष‍ित रखने में मददगार होता है।
दिमागी सक्रियता को बढ़ाने में
फोलेट और विटामिन बी9 भी दो ऐसे पोषक तत्व हैं जो भिंडी में मुख्य रूप से मिलता है. ये दोनों पोषक तत्व दिमाग की सक्रियता को बनाए रखने के लिए जरूरी होते हैं।
स्वस्थ त्वचा
शीघ्र उपचारात्मकता, दागों तथा मुंहासों के निशानों को कम कर एवं झुर्रियों को दूर भगाते हुए विटामिन ए एंटीऑक्सिडेंट त्वचा के स्वास्थ्य की रक्षा करने में समर्थ हैं। यह इसलिए क्योंकि एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों को बेअसर करने में सक्षम हैं जिन्होंने शायद त्वचा कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त कर दिया हो।

टमाटर खाने के फायदे

टमाटर खाने के फायदे
टमाटर आपकी त्वचा बहुत अच्छी कर देता है। भी गाजर और शकरकंद में भी पाया जाने वाला बीटा कैरोटीन, सूर्य की क्षति से त्वचा की रक्षा करने में मदद करता है। टमाटर का लाइकोपीन पराबैंगनी प्रकाश क्षति से भी त्वचा को कम संवेदनशील बनाता है, जो लाइनों और झुर्रियों का एक प्रमुख कारण होता है।
सूखा रोग में लाभदायक
बच्चों को सूखा रोग होने पर आधा गिलास टमाटर के रस का सेवन कराने से बच्चे का सूखा रोग ठीक हो जाता है।
बच्चों के विकास में सहायक
बच्चों के विकास के लिए टमाटर बहुत फायदेमंद होता है। दो या तीन पके हुए टमाटरों का नियमित सेवन करने से बच्चों का विकास शीघ्र होता है।
मजबूत हड्डियां
टमाटर हड्डियों को मजबूत बनाता है।टमाटर में विटामिन के और कैल्शियम दोनों ही हड्डियों को मजबूत बनाने और मरम्मत के लिए बहुत अच्छे होते हैं। देखा गया है, कि लाइकोपीन हड्डियों को सुधारता भी है, जो ऑस्टियोपोरोसिस से लड़ने के लिए बहुत बढ़िया तरीका है।
वजन घटाने में मददगार
वजन घटाने के लिए टमाटर बहुत काम का होता है। मोटापा कम करने के लिए सुबह-शाम एक गिलास टमाटर का रस पीना फायदेमंद होता है।
गर्भावस्था में लाभदायक
गर्भवती महिलाओं के लिए टमाटर बहुत फायदेमंद होता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सुबह एक गिलास टमाटर के रस का सेवन करना चाहिए।
कैंसर से लड़ना
टमाटर प्राकृतिक रूप से कैंसर से लड़ता है। प्रोस्टेट, गर्भाशय ग्रीवा, मुंह, ग्रसनी, गला, भोजन-नलिका, पेट, मलाशय, गुदा संबंधी, प्रोस्टेट और डिम्बग्रंथि के कैंसर सहित कई तरह के कैंसर के खतरे को कम कर सकता है। टमाटर के एंटीऑक्सीडेंट (विटामिन ए और सी) फ्री रैडिकल्स से लड़ते हैं, जिससे कोशिका क्षति हो सकती है।
रक्त शर्करा
टमाटर आपकी रक्त शर्करा को संतुलित रख सकता है। टमाटर, क्रोमियम का एक बहुत अच्छा स्रोत हैं, जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है।
गठिया रोग होगा नियंत्रित
यदि गठिया रोग है तो एक गिलास टमाटर के रस की सोंठ तैयार करें व इसमें एक चम्मच अजवायन का चूर्ण सुबह-शाम पीजिए, गठिया रोग में फायदा होगा।
दृष्टि
टमाटर आपकी दृष्टि में सुधार कर सकता है। टमाटर जो विटामिन ए प्रदान करता है, वो दृष्टि में सुधार और रतौंधी को रोकने में मदद कर सकता है। हाल के शोध से पता चला है कि, टमाटर लेने से धब्बेदार अध: विकृति, एक गंभीर और अपरिवर्तनीय आंख की स्थिति को कम करने में मदद मिल सकती है।
स्वस्थ्य बाल
टमाटर आपके बालों को बेहतर भी बनाते हैं।टमाटर में पाया जाने वाला विटामिन बालों को मजबूत और चमकदार बनाने का काम करता है। (क्षमा करें, टमाटर पतले होते जा रहे बालों को ज्यादा मदद नहीं कर सकता लेकिन वे आपके बालों को बेहतर बना देगा!
पुराना दर्द
टमाटर पुराने दर्द को कम कर सकता है। अगर आप उन लाखों लोगों में से एक हैं, जिनको हल्का और मध्यम पुराना दर्द रहता है। टमाटर दर्द को खत्म कर सकता है। टमाटर में उच्च बायोफ्लेवोनाइड और कैरोटीन होता है, जो प्रज्वलनरोधी कारक के रूप में जाना जाता है।

मटर खाने के फायदे


मटर खाने के फायदे
मटर खाने के फायदे
विटामिन के
हरी मटर में विटामिन के भरपूर मात्रा में होता है जिससे हड्डियां मजबूत होती है। यह ऑस्टियोपोरोसिस के खिलाफ प्रभावी ढंग से काम करती है। कुल मिलाकर हरी मटर, पॉवर पैक का काम करती है और हेल्‍दी लाइफ पाने के लिए अच्‍छी सब्‍जी है।
चेहरे की झांई
कुछ दिनों तक चेहरे पर मटर के आटे का उबटन मलते रहने से झांई और धब्बे समाप्त हो जाते हैं।
वजन निंयत्रित करता है
मटर में मौजूद गुण वजन को नियंत्रित करते हैं। मटर में लो कैलोरी और लो फैट होता है। हरी मटर में हाई फाइबर होता है जो वजन को बढ़ने से रोकता है। यदि वजन कम करना चाहते हैं तो अपने भोजन में हरी मटर का इस्तेमाल अधिक से अधिक करें।
शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ाता है
मटर शरीर में मौजूद आयरन, जिंक, मैगनीज और तांबा शरीर को बीमारियों से बचाता है। मटर में एंटीआॅक्सीडेंट होता है। जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है ताकि शरीर बीमारियों से मुक्त रह सके।
जलन बंद करने में कारगर
ताजा हरे मटर के दानों को पीसकर जले हुए स्थान पर लगाने से जलन बंद हो जाती है।
कोलेस्ट्रॉल से दूरी
हरी मटर में ऐसे स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक गुण होते है जो शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ने नहीं देते। हरी मटर में शरीर से ट्राइग्लिसराइड्स के स्‍तर को कम करने का गुण होता है और इसके सेवन से ब्‍लड़ में कोलेस्‍ट्रॉल संतुलित होता है। शरीर से कई बीमारियां भी इसके खाने से कम होती है।
पेट के कैंसर में लाभ
पेट के कैंसर में हरी मटर एक कारगर औषिधि है। एक अध्धयन में पता चला है कि मटर में मौजूद काउमेस्ट्रोल जो कैंसर से लड़ने में मददगार होता है। साथ ही हरी मटर का प्रतिदिन सेवन करने से पेट के कैंसर का खतरा कम हो सकता है।
यंग बनाए रखने में सहायक
हरी मटर में एंटी-ऑक्सीडेंट, फ्लैवानॉइड्स, फाइटोन्यूटिंस, कैरोटिन पाए जाते हैं जो शरीर को यंग और एनर्जी से भरपूर रखते हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद
मटर में मौजूद फालोक एसिड जो पेट में भू्रणं की समस्याओं को दूर करता है साथ ही गर्भवती महिला को पर्याप्त पोषण देता है। गर्भवती महिलाओं को अपने खाने में हरी मटर को जरूर शामिल करना चाहिए।
दिल की देखभाल करें
हरी मटर के स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक गुणों में एक गुण यह भी है कि इसके सेवन से हार्ट की बीमरियां कम होती है। इसमें एंटी - इनफ्लैमेट्टरी कम्‍पाउंड होते है और एंटी - ऑक्‍सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होता है। इन दोनों ही कम्‍पाउंड के कॉम्‍बीनेशन से दिल की बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।
करे डायबिटीज को नियंत्रित
हरी मटर में प्रोटीन के तत्व और उच्च फाइबर पाया जाता है जो शरीर में मौजूद शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है साथ ही डायबिटीज के खतरों से भी बचाता है।
भूल जाने की बीमारी को घटाएं
कई लोगों को अल्‍जाइमर की समस्‍या होती है, ऐसे में वह रोजमर्रा की बातें भी भूल जाते है। हरी मटर के नियमित सेवन से यह समस्‍या दूर हो जाती है। हरी मटर को खाने से ऑस्ट्रियोपोरोसिस और ब्रोंकाइटिस आदि से लड़ने में सहायता मिलती है।

अरबी खाने के फायदे


अरबी खाने के फायदे
अरबी खाने के फायदे
ब्ल्ड प्रेशर
अरबी में सोडियम और वसा काफी कम मात्रा में होता है। लेकिन इसमें कई मिनरल्स पोटैशियम और मैग्नेशियम आदि होते है जो रक्त संचार को ठीक रखते है। यह तनाव को दूर करने, रक्त संचार को नियमित करने में बेहद सहायक होता है।
पेट में गैस की समस्या
अरबी के पत्ते डंठल के साथ लिए जाएं और पानी में उबालकर पानी को छान लिया जाए। फिर इस पानी में उचित मात्रा में घी मिलाकर 3 दिनों तक दिन में दो बार दिया जाए, तो लंबे समय से चली आ रही गैस की समस्या में फायदा होता है।
लंबे समय से चली रही खांसी
उबली हुई अरबी को खाने से पुराने समय से चली आ रही खांसी में भी बेहद आराम मिलता है। कई इलाकों में आदिवासी इसे शहद में मिलाकर लेने की सलाह देते हैं।
कैंसर
अरबी में विटामिन ए, बिटामिन सी के साथ एंटीऑक्सीडेंट भी होते है। ये सभी शरीर को कैंसर से मुक्त रखनके में मददगार होते है।
कीड़े-मकोड़े के काटने पर
अगर किसी कीड़े-मकोड़े के काटने से कोई हिस्सा कट गया है, तो कटे हुए हिस्से पर अरबी को छीलकर रगड़ने से राहत मिलती है। किसी तरह का जहर हो तो वो भी असर नहीं कर पाता है।
मधुमेह
अरबी की जड़ों में प्राकृतिक फाइबर मौजूद होता है जिससे शरीर में ग्लूकोज और इंसुलिन की मात्रा उचित स्तर पर बनी रहती है। लो ग्लाइकेमिक इंडेक्स की वजह से अरबी मधुमेह से शरीर को मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। साथ ही बीमारी दूर करने में भी अहम भूमिका निभाता है।
जलना
जले हुए स्थान पर अरबी पीसकर लगाने से फेफोले नही पड़ते और जलन भी समाप्त हो जाती है।
वजन कम करने में सहायक
अरबी वजन को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। जो लोग वजन कम करना चाहते है उनके लिए अरबी ऐसा करने में सहायक होता है।
त्वचा की सेहत
अरबी की जड़ों में विटामिन ए और ई पाया जाता है। इसकी वजह से यह त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद करता है। इसमें मौजूद ये सभी विटामिन शरीर की त्वचा को लंबे समय तक सेहतमंद और चमकदार बनाए रखते है। एंटीऑक्सीडेंट्स की वजह से यह त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
हृदय रोग
बड़ी इलायची, काली मिर्च, काला जीरा, अदरक आदि से तैयार अरबी की सब्जी कुछ दिनों तक नियमित सेवन करने रहने से हृदय दौर्बय, रक्ताल्पाता (खून की कमी) व अन्य हृदय रोग जाते रहते है।


गाजर खाने के फायदे


गाजर खाने के फायदे
गाजर खाने के फायदे
त्वचा निखार के लिए
प्रतिदिन गाजर का सलाद खाने से या गाज़र का जूस पीने से चेहरे पर चमक आती है। गाजर रक्त  की विषाक्ता कम करता है और इसके सेवन से कील-मुहासों से भी छुटकारा मिलता है।
आंखों के लिए लाभदायक
गाजर में विटामिन ‘ए’ अधिक मात्रा में पाया जाता है. इसलिए अगर गाजर का नियमित रूप से सेवन किया जाए तो आंखों की रोशनी बढ़ सकती है।
पाचनशक्ति होगी स्ट्रांग 
गाजर का जूस पीने से शरीर में हिमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाती हैं, और गाजर में अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता हैं जो शरीर की पाचनशक्ति को बढ़ाता हैं।
हृदय रोगी भी खा सकते हैं गाजर
गाजर में कैरोटीनायड होता है, जो हृदय रोगियों के लिए अच्छा होता है। यह माना जाता है कि गाजर का प्रतिदिन सेवन कालेस्ट्राल के स्तर को कम करता है।
सफेद दाग होंगे दूर
गाजर का सेवन करने से सफेद दाग दूर किए जा सकते हैं।
डायबिटीज़ के मरीजों के लिए
गाज़र के प्रतिदिन सेवन से रक्त में शर्करा का स्तर ठीक रहता है।
दांतों की बढ़ेगी चमक
इसे खाने से मसूड़ों से ब्लड आना बंद हो जाता है और दांतों की चमक बढ़ती है।
स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली
गाजऱ में बीटा कैरोटीन होती है और यह प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए अच्छा होता है।
खाँसी में राहत
गाजर के रस में मिश्री व काली मिर्च मिलाकर पीने से खाँसी ठीक हो जाती है तथा कफ कि समस्या में भी आराम मिलता है।
कैंसर से बचने के लिए
गाज़र खाने से, पेट और फेफड़ों के कैंसर का जोखिम कम होता है।
खून की होगी बढ़ोतरी
शरीर में खून की कमी को दूर करने गाजर का उपयोग काफी असरदार माना गया हैं। गाजर का जूस पीने से शरीर में खून बढ़ता हैं।
मुंह के छालो से राहत
मुंह में छाले होने पर गाजर का रस पीने से आराम मिलता है।
चहरे की बढ़ेगी चमक
रोजाना गाजर को सलाद के रूप में खाने या फिर गाजर का जूस पीने से चेहरे पर ग्लो आता है क्योकि गाजर शरीर के रक्त को शुद्ध करने का काम करती है।
महिलाओं के लिए अत्यंत लाभदायक
गर्भवती या मां बन चुकी महिलाओं को गाजर को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए क्योंकि गाजर से दूध की गुणवत्ता बढ़ जाती है जो उनके बेबी के लिए बहुत आवश्यक होती है।
दिल की बीमारी रहेंगी दूर
गाजर खाने से दिल की बीमारियां होने की आशंका कम हो जाती है।

बैंगन खाने के लाभ


बैंगन खाने के लाभ
बैंगन खाने के लाभ
बैंगन की खेती केवल भारत में ही की जाती हैं । इसलिए इसका महत्‍व और स्‍वास्‍थ्‍य लाभ हमारे लिये बहुत मायने रखता है। खनिज लवणों में कैल्शियम, फास्फोरस, लौह-तत्व, पोटेशियम व मैंगनीज बैंगन में मध्यम मात्रा में उपस्थित रहते हैं। कुछ मात्रा में विटामिन ‘ए' व ‘बी' कॉम्पलेक्स भी बैंगन में पाये जाते हैं। बैंगन खाने से मधुमेह और हृदय रोग जैसी बीमारियां दूर होती हैं।
गैस और बदहजमी
के सेवन से गैस की समस्या को खत्म कर सकते है इसके लिए आपको हींग और लहसुन को मिलाकर बैंगन का सूप बनाकर सेवन करना होता है जिस से आपके पेट के फूलने की समस्या गैस , बदहजमी , और अपचन जैसी समस्या को दूर करने में मदद मिलती है |
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करता है
बैंगन के सेवन से रक्त में बैंगन के सेवन से रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर गिरता है। इस तरह के प्रभाव का प्रमुख कारण है। बैंगन में पोटेशियम व मैंगनीशियम की अधिकता। बैंगन की पत्तियों के रस का सेवन करने से भी रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम किया जा सकता है।
फाइबर
फाइबर एक जरुरी तत्‍व है जो पाचन क्रिया को अच्‍छा बनाता है। बैंगन खाने से आपको 2 ग्राम फाइबर प्राप्‍त होगा। इसे अपने भोजन में जरुर शामिल कीजिये और कब्‍ज जैसी बीमारी से बचिये।
खांसी
बैंगनको देसी तरीके से चूल्हे पर भून पर और इसे नमक के साथ खाने पर यह आपकी खांसी  को ठीक कर देता है और आपको बलगम से भी मुक्ति देता है |
त्वचा
बैंगन त्‍वचा को हाइड्रेट करता है और अंदर से नमी प्रदान करता है। तो अगर आपके बाल और त्‍वचा रूखे-सूखे हैं तो आप बैंगन खाना शुरु कर दीजिये।
मधुमेह
चबैंगन में कार्बोहाइड्रेट पाए जाते है वो जल में अल्प मात्रा में घुलनशील होते है इसलिए इसका सेवन मधुमेह रोग में लाभदायक पाया गया है और टाइप 2 की श्रेणी वाले रोगीओं के लिए बैंगन का सेवन उनके शरीर में शर्करा के स्तर को नियमित करने में बहुत मदद करता है |
संक्रमण से मुक्ती
बैंगन में विटामिन सी बहुत अच्छी मात्रा में है जो प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है और शरीर को संक्रमण से मुक्त रखने में मदद करता है।
कैंसर
इसमें एक तत्‍व पाया जाता है जो कि शरीर में कैंसर की सेल से लड़ने में सहायक होता है। अगर आप हर रोज बैंगन खाएंगे तो आपका शरीर कैंसर से लड़ने के लिये मजबूत हो जाएगा। यह खासकर पेट के कैंसर से लड़ने में सहायक है।
एनीमिया
यानि के रक्त की कमी या रक्ताल्पता के अंदर आप भुने हुए बैंगन में थोड़ी सी शक्कर को मिलाकर सुबह सुबह उठते ही खाली पेट इसका सेवन करें इस से आपके शरीर में रक्त की कमी दूर हो जाती है |
सिगरेट छोड़ने में मददगार
प्राकृतिक तरीके से सिगरेट छोड़ना चाहते हैं तो डाइट में बैंगन का सेवन अधिक करें। निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी के तहत इसमें मौजूद निकोटिन की सीमित मात्रा सिगरेट छोड़ने वाले लोगों के लिए मददगार हो सकती है।
हृदय
धमनियों की दीवारों में कोलेस्‍ट्रॉल का लेवल कम हो जाता है। यहां तक की खून की नसों में भी खून ठीक प्रकार से बहने लगता है।
लीवर
लीवर की बीमारियां होने पर भी बैंगन का सेवन लाभदायक प्रभाव दिखलाता है। बैंगन की पत्तियों में हल्का निद्राकारी तत्व उपस्थित रहता है। अत: कई दवाईयां बनाने में इसकी पत्तियां आधारभूत तत्व की तरह कार्य करती हैं।

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पत्ता गोभी के फायदे


पत्ता गोभी के फायदे
पत्‍ता गोभी कई रंगों और कई किस्‍मों में आती है। लाल और हरे रंग की पत्‍ता गोभी सबसे ज्‍यादा मिलती है। इसे पका कर या कच्‍चा सलाद के रूप में भी खाया जा सकता है। पत्‍ता गोभी का स्‍वाद हल्‍का सा मीठा होता है। इसमें विटामिन, आयरन और पोटेशियम भरपूर मात्रा में होते है। इसे इंडियन और वेस्‍टर्न दोनों तरह के फूड को पकाने में इस्‍तेमाल किया जाता है।
कैंसर को रोकने में मदद करता है
पत्तागोभी में ऐसे तत्‍व होते है जो कैंसर की रोकथाम करने और उसे होने से बचाने में मदद करता है। इसमें डिनडॉलीमेथेन ( डीआईएम ), सिनीग्रिन, ल्‍यूपेल, सल्‍फोरेन और इंडोल - 3 - कार्बीनॉल ( 13 सी) जैसे लाभदायक तत्‍व होते है। ये सभी कैंसर से बचाव करने में सहायक होते है।
पायरिया में असरदार
बंदगोभी का रस निकालकर पीयें तथा इसके मध्य भाग को सलाद बनाकर खाने से पायरिया तथा दांतों के अन्य रोग ठीक होते हैं।
कब्ज करें दूर
पत्तागोभी पेट को साफ रखने में बहुत कारगर है। इसमें क्लोरीन और सल्फर नाम के दो बहुत जरुरी मिनरल्स होते हैं। आप पत्तागोभी का ज्यूस पीने के बाद एक तरह की गैस महसूस करेंगे और यह गैस इस बात का इशारा होता है कि ज्यूस ने अपना काम करना शुरु कर दिया है।
दूर करे खून की कमी
जिन लोगों को खून की कमी की समस्या है वे पत्तागोभी का सेवन सप्ताह में 4 बार जरूर करें। पत्तागोभी में लौहतत्व की मात्रा अधिक होती है और यह शरीर को कई बीमारियों से बचाता है।
डायबिटीज में लाभदायक
पत्तागोभी मधुमेह के रोगीयों के लिए बेहद फायदेमंद होती है। इसलिए उन्हें पत्तागोभी को सलाद के रूप में लेना चाहिए। नियमित रूप से सेवन करने से डायबिटीज कम होने लगती है।
इम्यूनिटी करे सिस्टम मजबूत
पत्‍ता गोभी, शरीर में इम्‍यूनिटी सिस्‍टम को स्‍ट्रांग बनाती है। इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है जिससे बॉडी का इम्‍यूनिटी सिस्‍टम काफी मजबूत हो जाता है।
कैंसर
सुबह खाली पेट पत्तागोभी का कम से कम आधा कप रस रोजाना पीने से आरम्भिक अवस्था में कैंसर, बड़ी आंत का प्रवाह (बहना) ठीक हो जाता है।
मोतियाबिंद के खतरे को कम करता है
पत्‍ता गोभी के सेवन से मोतियाबिंद का खतरा कम होता है। इसके लगातार सेवन से बॉडी में बीटा केराटिन बढ़ जाता है जिससे आंखे सही रहती है।
दिल संबंधी बीमारियों से निजात
दिल संबंधी रोगों से बचने के लिए बंदगोभी बेहद सरल औषधी का काम करती है। यह शरीर में कोलेस्ट्रोल को नहीं बढ़ने देती है। क्योंकि इसमें सेल्युलोज तत्व पाया जाता है। जो हार्ट संबंधित रोगों से बचाता है।
घटाए वजन
पत्तागोभी वजन को बढ़ने नहीं देती है। क्योंकि इसमें कैलोरी और वसा दोनों  कम मात्रा में होते  है। जो लोग शरीर से अतरिक्त चर्बी को घटाना चाहते हैं वे अपनी डायट में पत्तागोभी को जरूर शामिल करें।
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फूलगोभी के फायदे


फूलगोभी के फायदे
फूलगोभी की सब्जी खाने में बहुत स्वादिष्ट होती हैं। इसमें फाइबर, विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है। फूलगोभी मैंगनीज, तांबा, लोहा, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। फूलगोभी खाने से कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग, संक्रमण, अधिक वजन, सूजन जैसे कई अन्य बीमारियों को रोकने में मदद करता है।
कच्चे गोभी का प्रयोग
गोभी को पकाकर तथा कच्चा सलाद के रूप में खाया जाता है। परंतु श्रेष्ठ फायदे के लिए इसे कच्ची ही खाना अच्छा रहता है। गोभी को ज्यादा पकाने से इसके महत्त्वपूर्ण पोषक तत्व एवं विटामिन नष्ट हो जाते हैं। गोभी में कुछ ऐसे तत्व एवं घटक हैं, जो मानव में रोग प्रतिकार शक्ति को बढ़ाते हैं एवं समय से पहले आने वाली वृद्धावस्था को रोकते हैं। गोभी में ’’ टारट्रोनिक ‘‘ नामक एसिड होता है, जो चरबी, शर्करा एवं अन्य पदार्थों को इकट्ठा होने से रोकता है, जिससे शरीर का आकार बना रहता है। छोटे छोटो टुकड़ों में काटकर गोभी खूब चबा चबाकर खानी चाहिये।
पेट दर्द में लाभदायक
पेट दर्द होने पर गोभी की जड़, पत्‍ती, तना फल और फूल को चावल के पानी में पकाकर सुबह-शाम लेने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है।
शरीर पर मौजूद तिल को करें साफ
फूलगोभी ना सिर्फ खाने में बल्कि तिल को साफ करने में भी काफी कारगर होती है। घर में इसका रस तैयार करें और रोज तिल वाली जगह पर लगाए। इससे कुछ ही दिनों में पुरानी त्*वचा धीरे धीरे साफ होने लगेगी और तिल गायब हो जाएगा।
मधुमेह में भी असरदार
फूलगोभी खाना मधुमेह के रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसमें कम कार्बोहाइड्रेट और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स पाया जाता है।
पीलिया में भी लाभदायक
पीलिया के लिए भी गोभी का रस बहुत फायदेमंद है। गाजर और गोभी का रस मिलाकर पीने से पीलिया ठीक होता है।
दिल को करें दुरुस्त
दिल के लिए बहुत फायेदमंद होती है। यह दिल और कार्डियोवस्‍कुलर प्रणाली को सही प्रकार से काम करने में मदद करती है।
पेशाब जलन में राहत
फूलगोभी की सब्जी का सेवन करने से पेशाब की जलन दूर हो जाती है।
कोलेस्ट्रॉल का स्तर होगा कम
गोभी गोभी फाइबर का उच्‍च स्रोत होती है। फाइबर हमारी पाचन क्रिया को दुरुस्‍त रखता है और साथ कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर को भी कम करता है।
कैंसर में लाभदायक
गोभी कैंसर के खतरे को भी कम करने में मदद करती है। फेफड़े का कैंसर, स्‍तन कैंसर, ब्‍लैडर कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा गोभी के नियमित सेवन से कम हो जाता है। गोभी के जैविक परिवार में शामिल अन्‍य सब्जियां जैसे- ब्रोकली, कैल आदि भी कैंसर को दूर रखने में मदद करतीं हैं।
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प्याज के लाभ


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प्याज के लाभ बहुत होते हैं और यह बहुत ही शानदार घरेलू नुस्खा है। प्याज खाने को स्वादिष्ट बनाने का काम तो करता ही है साथ ही यह एक बेहतरीन औषधि भी है। कई बीमारियों में यह रामबाण दवा के रूप में काम करता है। इस लेख में जानें प्याज के ऐसे ही कमाल के फायदों के बारे में।

आवाज उठाइए तभी कुछ होगा – Jago Grahak Jago

आवाज उठाइए तभी कुछ होगा – Jago Grahak Jago

हम में से कई लोग टीवी पर जब उपभोक्ता सरंक्षण (Consumer Protection)  का “जागो ग्राहक जागो – Jago Grahak Jago”  का सरकारी विज्ञापन देखते है तो मन ही मन यही सोचते है कि “हम तो जाग जाएँगे पर सरकार जाग जाए तो अच्छा है|”  हजारों में से कोई एक दो व्यक्ति ही ऐसा मिलेगा जो इस सिस्टम (System) को दोष न देता हो| हम सभी दिन में कम से कम एक बार तो सिस्टम का रोना रोते ही है|
रेल या बस में यात्रा करते वक्त गन्दगी फैला होना, खिड़कियों का टूटा होना आम बात हो गई है और अब तो इन बातों पर हमें कोई गुस्सा भी नहीं आता क्योंकि इनकी अब हमें आदत हो गई है|
लेकिन हमें एक बात समझनी होगी कि हम भी इस सिस्टम का एक हिस्सा है इसलिए जब तक हम अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन नहीं करते तब तक हमें इस सिस्टम को दोष देने का कोई हक़ नहीं है|
आज दिनांक 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस (National Consumers Right Day) है इसलिए आज हैप्पीहिंदी.कॉम पर में उपभोक्ता के सरंक्षण कानून (Consumer Protection Law) से सम्बंधित कुछ जानकारी Share कर रहा हूँ जिसका उपयोग करके हम धोखाधड़ी (Fraud) से बच सकते है|
सबसे पहले तो हमें अपनी इस मानसिकता (Negative Thinking) को बदलना होगा कि “मैं क्या कर सकता हूँ” या “इस देश के कानून मुझे न्याय नहीं दिलवा सकते”
आज सुचना प्रोद्योगिकी (Information Technology) और इंटरनेट (Internet) के ज़माने में पूरे विश्व की सूचनाएं हमारी मुठ्ठी में है और मोबाइल कम्पनियाँ तो यहाँ तक कहती है कि – “कर लो दुनिया मुठ्ठी में  Kar Lo Duniya Mutthi Mein”| लेकिन हम में से ज्यादात्तर लोग Internet का सही उपयोग नहीं कर पाते जिसकी वजह से दुनिया हमारी मुठ्ठी में होने के बावजूद हमारे पास केवल एक ही जवाब है – “सिस्टम ही ऐसा है, मैं क्या कर सकता हूँ”
एक छोटी सी ई-मेल (E-mail) से हमारी बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है| एक बार मेरे किसी मित्र को अपने एटीएम कार्ड (ATM Card) से सम्बंधित कुछ समस्या आ गई| कई दिन बैंक (Bank) के चक्कर काटे पर बैंक कर्मचारी बार बार कोई न कोई बहाना बनाकर उसे टालता रहता| जब कई दिनों तक समाधान नहीं हुआ तो परेशान होकर उन्होंने बैंक के हेड ऑफिस (Head Office) का ईमेल एड्रेस (Email Address) इन्टरनेट पर सर्च किया और बैंक के हेड ऑफिस में सीनियर ऑफिसर को अपनी समस्या लिखकर ईमेल कर दिया| इस ईमेल का प्रभाव ऐसा हुआ कि दूसरे ही दिन खुद बैंक की तरफ से फ़ोन आया और दो ही दिनों में समस्या का समाधान कर दिया गया|
आज सब कुछ ऑनलाइन (Online) हो रहा है और बस एक छोटी सी शिकायत करके हम बड़े नुकसान से बच सकते है|

उपभोक्ता मंच में शिकायत करें – File Complaint in Consumer Court

अख़बारों में हम कई बार उपभोक्ता मंच से सम्बंधित किस्से पढ़ते है| अभी हाल ही में उपभोक्ता मंच (Consumer Forum) ने एक महिला की शिकायत पर रेलवे (Railway) को रेल में टूटी हुई खिड़कियों के कारण महिला को हुई परेशानी के लिए “त्रुटिपूर्ण सेवाओं” का दोषी मानते हुए हर्जाना देने का फैसला सुनाया है|
इसी प्रकार कुछ महीने पहले उपभोक्ता मंच ने अस्पताल द्वारा गलत दवाएं देने के कारण हुई असुविधा के लिए अस्पताल को दोषी मानते हुए हर्जाना देने का फैसला सुनाया था|
ऐसे कई किस्से हम सुनते रहते है| हम भी ई- कॉमर्स, बैंकिंग, इंश्योरेंस, हेल्थ, रेलवे, बस, एलपीजी, पेट्रोल पम्प और अन्य क्षेत्रों में त्रुटिपूर्ण वस्तुओं और सेवाओं से होने वाली असुविधा के लिए उपभोक्ता मंच में शिकायत कर सकते है|

उपभोक्ता शिकायत निवारण –  Jago Grahak Jago

उपभोक्‍ता शिकायतों को सरल, शीघ्र और कम खर्चीला और निवारण प्रदान करने के लिए उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम (Consumer Protection Act) में राष्‍ट्रीय, राज्‍य और जिला स्‍तरों पर एक तीन स्‍तरीय अर्ध न्‍यायायिक मशीनरी की संकल्‍पना की गई है। यह एक सिविल न्‍यायालय के समक्ष कार्रवाइयों की साधारण प्रक्रिया का एक विकल्‍प है। ये मंच उपभोक्‍ता की शिकायतों के लिए सरल, शीघ्र तथा कम खर्चीला निवारण प्रदान करने के लिए अधिदेशित हैं। शिकायत निवारण की तीन एजेंसियां हैंराष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी), राज्‍य उपभौक्‍ता विवाद निवारण आयोगऔर जिला फोरम

शिकायत कौन दायर कर सकता है – Who Can file a Complaint in Consumer Court?

  • किसी वस्‍तु या सेवा के संदर्भ में एक ग्राहक (Consumer) द्वारा एक शिकायत दर्ज कराई जा सकती है या
  • कंपनी अधिनियम, 1956 (1956 का 1) या उस समय लागू किसी अन्‍य कानून के तहत पंजीकृत किसी स्‍वयंसेवी उपभोक्‍ता संगठन द्वारा या
  • केन्‍द्र सरकार और कोई राज्‍य सरकार, या
  • एक या अधिक उपभोक्‍ता, जहां अनेक उपभोक्‍ताओं की एक समान शिकायत है या
    एक उपभोक्‍ता की मौत हो जाने पर उसके कानूनी वारिस या प्रतिनिधि
  • अधिनियम के तहत पावर ऑफ एटॉर्नी (मुख्‍तारनामा) धारक शिकायत दायर नहीं कर सकता है।

कैसे करें शिकायत – How to File Complaint in Consumer Court:-

सादे कागज पर एक शिकायत लिखी जा सकती है। इसमें निम्‍नलिखित होने चाहिए :
  • शिकायतकर्ताओं तथा विरोधी पार्टी के नाम, विवरण और पता
  • शिकायत से संबंधित तथ्‍य और यह कब और कहां उठी।
  • शिकायत के आरोपों के समर्थन में दस्‍तावेज
  • शिकायतकर्ता द्वारा मांगी जा रही राहत
  • शिकायतकर्ता को या उसके अधिकृत एजेंट को शिकायत पर हस्‍ताक्षर करने चाहिए।
  • शिकायत दायर करने के लिए किसी वकील की आवश्‍यकता नहीं है
  • सांकेतिक न्‍यायालय शुल्‍क

 शिकायत कहां दायर करें Where to File Consumer Complaint?

यह वस्‍तुओं या सेवाओं की लागत या मांगे गए मुआवज़े पर निर्भर करता है :
  • जिला फोरम (District Forum) : यदि यह 20 लाख रुपए से कम है
  • राज्‍य आयोग (State Commission) : यदि यह 20 लाख रुपए से अधिक किन्‍तु 1 करोड़ रुपए से कम है
  • राष्‍ट्रीय आयोग (National Commission): यदि 1 करोड़ रुपए से अधिक है

ऑनलाइन शिकायत – Online Consumer Complaint India

शीघ्रतापूर्वक उपभोक्‍ता संसाधन और शिकायत निवारण सेवा प्रदान करने के लिए उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन उपभोक्‍ता शिकायत (Online Consumer Complaint), फोन और एसएमएस (SMS) आधारित शिकायत आदि जैसी अन्‍य अनेक प्रणालियों की सुविधा दी जाती है।

उपभोक्‍ता ऑनलाइन  संसाधन और अधिकारिता केन्‍द्र (कोर)

उपभोक्‍ता ऑनलाइन संसाधन और अधिकारिता केन्‍द्र (कोर) से उपभोक्‍ता की शिकायतों का ऑनलाइन (Online) निवारण तथा उपभोक्‍ता समर्थन में सहायता मिलती है। प्रयोक्‍ता लिंक पर क्लिक द्वाराऑनलाइन शिकायत दायर  (File Online Complaint) कर सकते हैं। आप Helpline Number (टोल फ्री नंबर) 1800-180-4566 पर कॉल भी कर सकते हैं।

राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता हेल्‍पलाइन (एनसीएच) – National Consumer Helpline

राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता हेल्‍पलाइन (एनसीएच) में अनेक प्रकार की समस्‍याओं से निपटने के लिए उपभोक्‍ताओं की जरूरतों को पहचाना गया है जो व्‍यापार और सेवा प्रदाताओं के साथ प्रतिदिन के लेन देन से उत्‍पन्‍न होती हैं। एनसीएच द्वारा एक राष्‍ट्रीय टोल फ्री नं. 1800-11-4000 (बीएसएनएल / एमटीएनएल प्रयोक्‍ताओं के लिए) प्रदान किया गया है, अन्‍य प्रयोक्‍ता 011-27006500 डायल कर सकते हैं (सामान्‍य कॉल प्रभार लागू)। नाम और शहर का उल्‍लेख करते हुए 8800939717 पर एसएमएस भी भेजा जा सकता है। प्रयोक्‍ता इसकी वेबसाइट के उपयोग द्वारा ऑनलाइन शिकायत भी दायर कर सकते हैं।
आप राज्‍य उपभोक्‍ता हेल्‍पलाइन (Helpline) का उपयोग कर भी सकते हैं।

राज्य उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर – Consumer Helpline Number for Stats

Jago Grahak Jago
क्र. सं. राज्य
उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर Consumer Helpline Numbers
1 आंध्रप्रदेश 1800-425-0082 , 1800-425-2977
2 अरुणाचलप्रदेश 1800-345-3601
3 बिहार 1800-345-6188
4 छत्तीसगढ़ 1800-233-3663
5 गुजरात 1800-233-0222
6 कर्नाटक 1800-425-9339
7 केरल 1800-425-1550
8 मध्यप्रदेश 155343 , 0755-2559778
9 महारास्ट्र 1800-2222-62
10 मिजोरम 1800-231-1792
11 नागालैंड 1800-345-3701
12 उड़ीसा 1800-34567-24
13 राजस्थान 1800-180-6030
14 सिक्किम 1800-345-3209
15 तमिलनाडु 044-2859-2828
16 पश्चिमबंगाल 1800-345-2808

इंटरनेट के दस मुख्य उपयोग

इंटरनेट के दस मुख्य उपयोग



इन्टरनेट इन दिनों हमारे दैनिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हो गया है | इंटरनेट से हम बहुत से काम कर सकते हैं | इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है | यह कह सकते हैं की इंटरनेट में विकास से हम जीवन के हर पहलु में उन्नति कर रहें हैं | न केवल इंटरनेट हमारा काम आसान कर रहा है, समय की भी खूब बचत हो रही है | जरूरत के अनुसार आज इंटरनेट विभिन्न प्रयोजनों के लिए इस्तेमाल हो रहा है | दस मुख्य उपयोग इस प्रकार हैं
1. संचार
इंटरनेट इस्तेमाल करके आजकल हम बहुत आसानी से हजारों किलोमीटर दूर बैठे लोगों से संपर्क कर सकते हैं | पहले ज़माने में यह बहुत मुश्किल काम था | इंटरनेट आने से सब कुछ बदल गया | अब लोग न केवल चैट कर सकते हैं विडियो कानफेरेंसिंग भी किया जा सकता है | दुनिया के किसी भी कोने में बैठे अपने प्रिय जनों से संपर्क किया जा सकता है | एक साधारण व्यक्ति के लिए संचार की सुविधा इंटरनेट की सबसे महत्वपूर्ण देन है | ईमेल व सोशल नेटवर्किंग इसके उधाहरण हैं | संचार इंटरनेट का एक ऐसा उपहार है जो प्रत्येक व्यक्ति को प्रिय है |
2. अनुसंधान
अनुसंधान कर्ता को सैकड़ों पुस्तकों और उल्लेखों का अध्यन करना पड़ता है | पहले ज़माने में यह बहुत मुश्किल होता था | जबसे इंटरनेट का जन्म हुआ है सबकुछ बस एक क्लिक दूर रह गया है | इंटरनेट में बस आपको अपने विषय को खोजना होता है; सैकड़ों उल्लेख आपके सामने प्रकट हो जाते हैं | अब चूँकि इंटरनेट आपकी सेवा में मौजूद है आपका अनुसंधान फ़ौरन प्रकाषित किया जा सकता है ताकि बहुत से लोग उसका लाभ उठा सकें | सच में अनुसंधानकर्ताओं को इंटरनेट से बहुत लाभ पहुंचा है |
3. शिक्षा
शिक्षा देने के लिए इंटरनेट बहुत उपयोगी माध्यम है | इंटरनेट में अनगिनत किताबों, आनलाईन हेल्प सेंटर, विशेषज्ञों की राय, इत्यादि की मौजूदगी से शिक्षा न केवल आसान बल्कि मजेदार भी हो गया है | अलग अलग विषयों के लिए अलग अलग वेब साईट मौजूद हैं | आप वहाँ जाएँ और अनंत ज्ञान का लाभ उठायें | इंटरनेट से आप शिक्षा के लिए किसी व्यक्ति पर निर्भर नही रहते | इंटरनेट में मौजूद विभिन्न ट्यूटोरियल्स की मदद से आप बहुत सी चीजें आसानी से सीख सकते हैं | शिक्षा द्वारा आप जीवन में सबकुछ पा सकते हैं |
4. वित्तीय लेनदेन
वित्तीय लेनदेन में पैसे का आदान प्रदान होता है |  इंटरनेट से वित्तीय लेनदेन बहुत आसान हो गया है | अब आपको अपने बैंक में जाकर कतार में खड़े होने की जरुरत नहीं |  अपने बैंक की वेब साईट को खोलें, आईडी और पासवर्ड डालें और घर बैठे लेनदेन करें | इन्टरनेट की मदद से आप कुछ भी आसानी से खरीद व बेच सकते हैं |
5. वास्तविक समय में अपडेट
समाचार व दुनिया भर में घटती दूसरी घटनाओं का वास्तविक समय में अपडेट इन्टरनेट द्वारा होता रहता है | बहुत से ऐसे वेब साईट हैं जो व्यापर, खेल, राजनीती, मनोरंजन, वित्त, और दूसरे क्षेत्रों में हो रहे घटनाओं का फ़ौरन उल्लेख करतें हैं | कई बार कुछ फैसले तुरंत हो रही घटनाओं के आधार पर लिया जाता है | ऐसी दशा में इंटरनेट बहुत जरूरी हो जाता है |
6. फुर्सतमें
पसंदीदा वीडियो देखना, गाने सुनना, मूवी देखना, गेम खेलना, प्रिय जन से चेट करना इत्यादि फुर्सत के काम इंटरनेट द्वारा संभव हैं | इंटरनेट का विकास इतनी तेजी से हुआ है कि आजकल जब भी आपको समय मिलता है आप इंटरनेट में सर्फ़ कर विश्राम पा लेते हैं |
7. आन लाईन बुकिंग
पहले ज़माने में बस, ट्रेन और प्लेन से सफर करना हो तो बस अड्डे, रेलवे स्टेशन इत्यादि पर जाकर बुकिंग करनी होती थी | अब सब कुछ बदल गया है और इंटरनेट की मदद से सबकुछ माउस के एक क्लिक से संभव है वह भी घर बैठे-बैठे | आन लाईन बुकिंग आसान है और विश्वशनीय है | बस अड्डे, रेलवे स्टेशन या एयर लाईन बुकिंग आफिस जाने की जरूरत नहीं है |
8. नौकरी ढूँढना
इंटरनेट में अनगिनत वेब साईट हैं जो उपलब्ध नौकरियों के बारे में सूचित करते रहते हैं | आपको केवल अपने आप को इनके साथ रजिस्टर करना होता है | शेष उन पर छोड़ सकते हैं | वे न केवल आपको ईमेल भेज कर उपलब्ध नौकरियों के बारे में सूचित करते हैं अपितु सबसे अच्छी नौकरी चुनने में मदद भी करते हैं | नौकरी ढूँढना अब बहुत आसान हो गया है |
9. ब्लागिंग
हम में से कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें कुछ लिखना और उसे छपवाना पसंद होता है | उनके लिए इंटरनेट सबसे अच्छा है | वे मनमाफिक लिख सकते हैं और उसे छाप भी सकते हैं | यदि आपके लेख पढ़ने में ठीक होते हैं और आप काफी तादाद में पाठक जुटा सकते हैं तो आप पैसा भी कमा  सकते हैं |  हो सकता है आप को कोई कंपनी उनके लिए ब्लाग लिखने के लिए चुन ले |
10. खरीदारी
इंटरनेट से खरीदारी करना बहुत सुखदायक होता है | जब भी आपको समय हो आप साईट विजिट करें पसंद कि चीज चुने और ओडर करें | चीज आपके घर पर समय पर पहुंचा दिया जाता है | दुनिया के किसी भी कोने से आप सामान खरीद सकते हैं |