Monday, 4 January 2016

लक्ष्य के लिये चलना बहुत जरुरी है आज तक कोइ एक जगह से लक्ष्य हासिल नही किया हैं । शतरंज में देश का सबसे ज्यादा जाने-पहचाने नाम विश्वनाथन आनंद के बारे में मशहूर है? कि वे कोई? चाल चलते वक्त आगे की पचास-साठ चालों, उसके फायदे नुकसान, प्रतिद्वंदी की प्रतिक्रिया आदि सबका हिसाब किताब दिमाग में...

लक्ष्य से जीत तक

लक्ष्य से जीत तक जीवन अनमोल है। आधुनिक युग में हर व्यक्ति बेहतर भविष्य, सामाजिक प्रतिष्ठा एवं अच्छे जीवन के लिए  सदा प्रयत्नशील रहता है। आपको भी यदि सफल होना है; जीवन में कुछ पाना है; महान बनना है; तो निम्न  बातों को जीवन में अपना लीजिए । 1. लक्ष्य निर्धारण...

पोस्ट BY बब्बु योग-प्राणायाम के अभ्यास में आड़े आने वाली आंतरिक बाधाएं योग चिकित्सा हम जारी क्यों नहीं रख पाते हैं ? हम गोलियां खाकर क्यों ठीक होना चाहते हैं ? रोग तो हम पैदा करते है...

23 दिनों की बच्ची मिनी के जज्बे को सलाम: किया किडनी दान

23 दिनों की बच्ची मिनी के जज्बे को सलाम: किया किडनी दान   अपनी जिंदगी की परवाह किये बिना किसी और की जिंदगी बचाना वाकई काफिले तारीफ है मगर जब ऐसा काम कोई 23 दिनों की...

क्योंकि हर एक फ्रेंड कमीना होता है

क्योंकि हर एक फ्रेंड कमीना होता है   जानियें दोस्ती की दस परिभाषाएं ,जो आपमें दोस्तों के प्रति नया अहसास जगा सकती है 1.दोस्त वो मौलवी है जो चाँद का दीदार तो ख़ुद करता...

मेहनत और संघर्ष का असली नाम-दसरथ मांझी

मेहनत और संघर्ष का असली नाम-दसरथ मांझी कर्म ही पूजा है ये कहावत तो आप सब ने खूब सुनी होगी मगर इसका जीता-जागता उदाहरण आपने बहुत कम ही देखा होगा।लोग काम ठान तो लेते है आज मगर काम को अक्सर...

तसलीमा नसरीन : कलम की वो सिपाही जिसने हार नहीं मानी

तसलीमा नसरीन : कलम की वो सिपाही जिसने हार नहीं मानी आधुनिकता के उस दौर में, जहाँ पत्रकार ओहदों के लिए अपनी कलम को, अपने जमीर तक को गिरवीं रख देते है वही तसलीमा एक ऐसी साहसिक महिला, ऐसी लेखिका...

मेरा कटा पांव मेरी कमजोरी था,उसे मैने अपनी ताकत बनाया एक बार पढना जरुर यह एक सच्चि घटना है

मेरा कटा पांव मेरी कमजोरी था,उसे मैने अपनी ताकत बनाया: अरुणिमा सिन्हा कहते हैं,  हिम्मत-ए-मर्दा-मदद-ए-खुदा, जो हिम्मत करता है भगवान भी उसी का साथ देता है। प्रतिकूल परिस्थितियों...

रिश्तों की अहमियत अपने दोस्तो को बताये

रिश्तों की अहमियत हम लोग जिंदगी में अक्सर एक दूसरे से यही सवाल पूछे हुए अक्सर पाये जाते है कि आखिर जिंदगी में रिश्तों की क्या एहमियत होती है !आखिर वो कौन सी कड़ी होती है रिस्तों में जो दो लोगों को एक दूसरे से जोड़े रहती...