Monday, 4 January 2016

लक्ष्य के लिये चलना बहुत जरुरी है आज तक कोइ एक जगह से लक्ष्य हासिल नही किया हैं ।


शतरंज में देश का सबसे ज्यादा जाने-पहचाने नाम विश्वनाथन आनंद के बारे में मशहूर है? कि वे कोई? चाल चलते वक्त आगे की पचास-साठ चालों, उसके फायदे नुकसान, प्रतिद्वंदी की प्रतिक्रिया आदि सबका हिसाब किताब दिमाग में लेकर चलते हैं। शतरंज की बिसात पर विशी की कामयाबी के पीछे उनकी यही एडवांस प्लानिंग जिम्मेदार मानी जाती है। लेकिन आज एडवांस प्लानिंग केवल शतरंज की चालों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि जीवन के सभी क्षेत्रों में इसकी उपयोगिता है। कॅरियर, पढाई, बिजिनेस, जॉब, प्रशासन, रिश्ते- नाते सभी जगह कामयाबी के लिए बेहतर प्लानिंग का कोई विकल्प नहीं है।
क्यों अहम है योजना निर्माण
अंग्रेजी का एक शब्द है एक्सटेम्पोर जिसका अर्थ होता है बिना किसी तैयारी के दिया गया भाषण, या कृ त्य। मुमकिन है हमारे आस-पास बहुत से लोग इस कला में माहिर हों व इसका फायदा भी उठाते हों, लेकिन यहां बात हो रही है हमारे आप जैसे सामान्य व्यक्ति की। ऐसे लोगों के लिए भाषण हो या जिंदगी का कोई फैसला, निर्णायक बढत के लिए योजना निर्माण जरूरी है। सच पूछे तो कोई भी काम शुरू करने से पूर्व हम सफल होंगे या नहीं, हमारी एडवांस प्लानिंग पर ही निर्भर क रता है। आजकल सामान्य व्यक्ति से लेकर अरबों डॅालर का टर्न ओवर देने वाली कंपनी तक सभी अपनी कामयाबी पक्की करने के लिए प्लानिंग पर खासा जोर देते हैं। माइक्रोसॉफ्ट, इंफोसिस, टाटा जैसे बडे-बडे नाम जो आज इतने सफल दिखते हैं, उनकी शुरुआत भी ऐसी ही दूरदर्शी योजना से हुई, तभी वे शिखर पर विराजमान हैं।
चरण1-1 जानें अपनी पोजीशन
क्रि केट में एक पुरानी कहावत है प्ले अकॉर्डिग टूमेरिट ऑफ द बॉल यानि गेंदों को उनकी गुणवत्ता के हिसाब से फेस करो। सही स्टांस के साथ ऐसा किया जाए तो आउट होने के मौके कम होंगे व रन भी आएंगे। इसी तरह योजना निर्माण के प्रथम चरण में भी हमें अपने स्टांस के साथ सामने आ रही समस्या की तासीर जानना आवश्यक है। कॅरियर प्लान करते वक्त कई छात्र प्लानिंग केइस आधारभूत पहलू से वाकिफ नहीं होते और नुकसान कर बैठते हैं। इस दौरान वे इन चीजों पर गौर करें तो फायदेमंद होगा।
- आपकी क्षमताएं क्या हैं/आप जो सोच रहे हैं वह वश में है भी या नहीं?
- आपकी आर्थिक क्षमताएं आपको कार्य की अनुमति देती हैं? यदि नहीं तो पहले इसके बारे में सोचें।
- आपके परिवार वाले इस बारे में क्या सोचते हैं?
- यदि आप किसी कोर्स या बिजिनेस के बारे में प्लान कर रहे हैं तो आज के साथ-साथ उसके आने वाले कल के संभावित स्कोप के बारे में भी पडताल करें।
चरण-2 नजर निशाने पर ही रहे
कहा जाता है कि बिखरे हुए लक्ष्यों से सफलता नहीं मिलती, हां कामयाबी का महल ढह जरूर जाता है। ऐसे में कोई योजना बनाते समय अपने मूल लक्ष्य को परे न होने दें। कई बार ऐसा होगा कि काम के दौरान आपके सामने कई और आकर्षक प्रस्ताव आएंगे, जिनसे आपका मूल लक्ष्य गौण होता दिखेगा पर यह आप पर है कि कैसे आप अपने इनीशियल टारगेट पर फोकस बनाए रखते हैं।
चरण-3 पहचानें राह के रोडों को देश का बजट बनाते वक्त सरकार एक खास तरह के मद में भी पैसा डालती है जिसे कंटेन्जेंसी फंड या आकस्मिक निधि कहते हैं, जिसका इस्तेमाल देश में किसी अप्रत्याशित दुर्घटना, प्राकृतिक आपदा के वक्त होता है। ठीक इसी तरह कॅरियर मैपिंग के वक्त भी ऐसेआकस्मिक व्यवधान के लिए तैयार रहना होगा। बेहतर तो यह होगा कि कॅरियर खाका खींचते वक्त युवा राह में आने वाले अवरोधों को दिमाग में रखें और एक आक स्मिक प्लान जरूर बनाएं।
चरण-4 जरूरी है डेड लाइन
आज के तेज दौर में वक्त का मतलब है पैसा। आप कितना ही अच्छा काम क्यों न कर लो, तय समय बीत जाने पर उसका जरा मोल नहीं रहता। डेड लाइन रखते वक्त सहूलियत का ख्याल रखें। एक बार डेड लाइन तय हो जाने के बाद पीछे हटने का कोई मतलब नहीं।
चरण-5 प्रियॉरिटी को दें क्रम
प्लानिंग में वरीयताएं तय करने के बावत चेतन भगत कहते हैं कि आप कोई भी नया काम करें। चाहे नई लैंग्वेज सीखना हो, गिटार बजाना हो या फिर आईएएस की तैयारी ही क्यों न हो, रातों- रात कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है। इसके लिए छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं, उन पर कार्य करें फिर दूसरे और बडे लक्ष्य को वरीयता दें।
काम की है प्लान मे¨कग
जनवरी 1981, जगह, मुंबई। आज का जाना पहचाना नाम नारायण मूर्ति जिनकी तब की पहचान महज एक इंजीनियर की थी। अपने छ: कंप्यूटर इंजीनियर दोस्तों के साथ किसी खास विषय पर माथा पच्ची कर रहे थे। गर्मागर्म बहसों, लंबी चौडी एक्सपेंडीचर प्लानिंग व दूसरी कई व्यावहारिक समस्याओं पर बातचीत चल रही थी। लक्ष्य निर्धारित किए जा रहे थे, डेड लाइन की चुनौती भी सामने थी व सबसे अहम बैकअप प्लान पर भी जोर दिया जा रहा था। करीब छ: महीने बाद इस पूरी कवायद का शानदार परिणाम इंफोसिस के रूप में आया। इस दौरान भले ही कंपनी का रजिस्टर्ड दफ्तर नारायणमूर्ति के दोस्त एस. राघवन का माटुंगा स्थिति छोटा सा घर हो, लेकिन यह मूर्ति और उनके दोस्तों की वृहत प्लानिंग ही थी कि महज 20 सालों केअंतराल में कंपनी आईटी जगत का सबसे भव्य महल बन गई।
1999 आते-आते कंपनी ने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय कंपनी का गौरव भी हासिल कर लिया। दरअसल यह सब बताने का मकसद यही है कि किसी काम को करने से पहले यदि आपके पास फुल प्रूफ प्लान है तो आपके सफल होने के मौके और ज्यादा हो जाते हैं। केवल व्यवसाय ही नहीं, जीवन के हर मोड पर कामयाबी के लिए यह आवश्यक शर्त का रूप ले चुका है।
सफलता का गारंटीड पाथ
किसी ने सच ही कहा है कि किसी भी उद्देश्य की पूर्ति में केवल कामना से ही बात नहीं बनती। उसके लिए परिश्रम के साथ योजनाबद्ध कार्यप्रणाली भी अनिवार्य होती है। इन सबके अभाव में आपकी समस्त इच्छाएं पानी के बुलबुले की तरह खत्म हो सकती है इस तथ्य की रौशनी में समझ सकते हैं कि आज प्लानिंग कामयाबी की वह पहली सीढी है, जिसकी मदद से आप कितनी ही ऊंचाई नाप सकते हैं, वह भी सौ फीसदी एक्यूरेसी के साथ। किसी कार्ययोजना को अंजाम देते समय हम किसी खास चीज का लक्ष्य रखते हैं, लेकिन होता यह है कि बेहद लंबी कार्य अवधि में हम मूल लक्ष्य से भटक जाते हैं। ऐसे में एक लांग टर्न प्लान हमें इन भटकावों से बचा बडे लक्ष्य की ओर अग्रसर कर सकता है।
खुद बनें मोटिवेटर
ऐसाइनमेंट, उसे पूरा करने का दबाव, रुटीन फॉलोअप, बॉस को जवाब देना। यानि काम, काम और सिर्फ काम। इन सबके बीच आप अमूमन एक तरह की जडता, नीरसता महसूस करते होंगे। इससे निजात पाने का सबसे बढिया तरीका है कि खुद को मोटीवेट करें। काम के लक्ष्यों को योजना के सांचे में ढालें और हर बार सफलतापूर्वक टास्क पूरा करने के बाद खुद की पीठ जरूर ठोंके।
बनाएं बेहतर रणनीति
आज प्रकाशन व्यवसाय में नया चलन काम कर रहा है। किसी लेखक की बडी किताब जारी करने से ठीक पहले प्रकाशक उस लेखक की कई छोटी-छोटी कहानियां व पुराने काम प्रकाशित करते हैं। इसका मकसद लाभ कमाना नहीं बल्कि सोची समझी रणनीति के तहत पाठकों के मन में लेखक के प्रति उत्सुकता पैदा करना होता है। इन सबके बीच जब लेखक की किताब बाजार में आती है, तो उसे हाथों-हाथ ली जाती है।
जरूरी है संसाधन
यदि आप जरूरी प्लानिंग व संसाधन से लैस हों, तो जरूर सफलता आसान हो सकती है। आप खुद महसूस करेंगे कि तैयारी में आडे आ रही कमियों से निपटने, तैयारी के लिए जरूरी ऊर्जा बरकरार रखने में इसका कितना फायदा मिलेगा। इन दिनों अमूमन हर सेक्टर में कंपनियां अपने कर्मचारियों के कौशल में वृद्धि के लिए प्रयासरत दिखती हैं। इस काम में प्लान्ड स्ट्रेटेजी खासी लाभदायक होती है। इसकी मदद से इंप्लाई हरदम लक्ष्य की तरफ देख पाता है।
कामयाबी रातों-रात नहीं मिलती
सफलता के लिए योजनाबद्ध प्रयासों की महत्ता बताते हुए लेखक व कॅरियर कोच चेतन भगत कहते हैं कि जीवन में कुछ भी अच्छा पाने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने होते हैं। ये शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म दोनों ही तरह के हो सकते हैं। लेकिन इन दोनों की ही प्राप्ति के लिए आपको सेट पैटर्न फॉलो करना होता है व कोशिश करनी होती है कि आप शुरू से लेकर आखिरी तक पहले दिन बनाई गई योजना के अनुरूप ही चलें। कोई बात नहीं कि इस दौरान गति धीमी हो,लेकिन लक्ष्य प्राप्ति के लिए लगातार चलना बहुत जरूरी है ।

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