सपने साकार करने हैं, तो अपने घर का मासिक बजट बनाईए
- आपके सपने साकार होने से क्यों रह जाते हैं?
- क्यों आप कोई वस्तु खरीदना चाहते हैं लेकिन उसके लिए आपके पास कभी पर्याप्त पैसे नहीं बचते?
- क्यों हमेंशा आपकी आमदमी से आपके खर्चे ज्यादा रहते हैं, चाहे आपकी Salary कितनी ही क्यों न बढ़ जाए।
- क्यों आप अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज लेने पर मजबूर हो जाते हैं?
- क्यों आप हमेंशा आर्थिक तंगी से घिरे रहते हैं?
यदि पर्याप्त मासिक आय होने के
बावजूद भी अक्सर अाप स्वयं को आर्थिक तंगी से बेहद परेशान पाते हैं तो
निश्चित रूप से आप कहीं तो गलती कर रहे हैं और आप एक बहुत ही मामूली सी
गलती कर रहे हैं।
आप अपनी जरूरतों और इच्छाओं में फर्क नहीं कर पा रहे हैं।
आप अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए इतना खर्च कर देते हैं कि अपनी जरूरतों की पूर्ति करने
के लिए आपके पास कुछ बचता ही नहीं है। फिर उन जरूरतों को पूरा करने के लिए
या तो आप कर्ज लेते हैं या फिर आप अपनी उन जरूरतों के साथ समझौता करते
हैं, अपने मन को मारते हैं और आर्थिक स्थिति अच्छी होने पर उन जरूरतों को
कभी भविष्य में पूरा करने के लिए स्थगित (Postpone) करते हैं।
जबकि सच्चाई ये है कि जब आप पर्याप्त
मासिक आय प्राप्त करने के बावजूद अपनी जरूरतों को वर्तमान में पूरा नहीं
कर पा रहे हैं, तो भविष्य में कैसे कर पाऐंगे क्योंकि आपका भविष्य भी तो
वर्तमान बनकर ही आपके सामने आएगा।
यानी यदि सरलतम शब्दों में कहें तो आप
हमेंशा आर्थिक तंगी से परेशान रहेंगे, फिर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता
कि आपकी मासिक आय 10 हजार है या 10 लाख, क्योंकि आपकी आर्थिक तंगी का
मुख्य कारण आपके मासिक आय की कमी नहीं है, बल्कि आप द्वारा अपनी इच्छाओं व जरूरतों की पूर्ति के लिए किए जाने वाले खर्चों के बीच अन्तर न कर पाने की कमी है।
यदि आप समझ लें कि आप द्वारा किए जाने
वाले खर्चें आपकी जरूरतों काे पूरा कर रहे हैं या आपकी इच्छाओं काे, तो आप
आसानी से तय कर सकेंगे कि आपको कौनसे खर्चे प्राथमिकता के साथ करने चाहिए
और कौनसे खर्चों में कटौती करनी चाहिए, ताकि आपकी जरूरतें आसानी से पूरी हो
सकें।
अब सवाल ये है कि आप पता कैसे लगाऐंगे कि आप जो खर्चे कर रहे हैं, वो आपकी जरूरत से सम्बंधित हैं या आपकी किसी इच्छा से?
क्योंकि सामान्यत: आपको हमेंशा यही लगता
है कि आप कभी फिजूल खर्ची करते ही नहीं बल्कि केवल अपनी जरूरते पूरी करने
के लिए ही खर्च करते हैं, लेकिन यदि आप पर्याप्त मासिक आय प्राप्त करने
के बावजूद आर्थिक तंगी महसूस करते हैं, तो निश्चित रूप से आप अपनी जरूरतों
को पूरा करने से ज्यादा अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए खर्च कर रहे
हैं।
इस बात का पता लगाना काफी आसान है कि आपके कौनसे खर्चे आपकी जरूरतों को पूरा करने से सम्बंधित हैं और कौनसे आपकी इच्छाओं को?
यदि आप जिस चीज को प्राप्त करने के
लिए खर्च करने जा रहे हैं, उस चीज के बिना भी आने वाले कुछ समय तक अपना काम
चला सकते हैं, तो सम्भवत: आप अपनी किसी इच्छा को पूरा करने के लिए खर्च
करने जा रहे हैं, क्योंकि जरूरतों से सम्बंधित खर्चों को Postpone
(स्थगित) नहीं किया जा सकता।
उदाहरण के लिए यदि आपको नया Mobile Phone
लेना चाहते हैं, तो एक स्थिति में आप द्वारा Mobile Phone के लिए किया जाने
वाला खर्च, आपकी जरूरत हो सकता है, जबकि दूसरी स्थिति में वही खर्च, आपकी
इच्छा भी हो सकता है।
कैसे?
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