Wednesday, 19 April 2017

सभी तरह के लोगों के लिए एक जैसा नहीं होता Home Budget.

सभी तरह के लोगों के लिए एक जैसा नहीं होता Home Budget.


Types of Budget – मूल रूप से बजट दो तरह के लोगों के लिए बनाया जाता है। एक वे, जो नौकरीपेशा होते हैं जबकि दूसरे वे, जो कि किसी न किसी तरह का व्‍यापार करते हैं।
नौकरीपेशा लोगोंं की आय लगभग पूरे साल भर स्थिर रहती है, जबकि व्‍यापार करने वाले लोगों की आय किसी भी तरह से स्थिर नहीं होती। इसलिए जिस तरह का बजट, नौकरीपेशा लोगों के लिए उपयुक्‍त होता है, Exactly उसी तरह का बजट व्‍यापारीवर्ग के लिए उपयुक्‍त नहीं होता।
साथ ही HomeBusiness, दोनों के लिए बनाया जाने वाला Budget भी अलग-अलग होता है क्‍योंकि Home Budget पूरी तरह से घर चलाने से सम्‍बंधित होता है, जबकि Business Budget पूरी तरह से Business को Operate करने सम्‍बंधित होता है। इसलिए यदि आप किसी भी तरह से व्‍यापारीवर्ग में आते हैं यानी आप Private या सरकारी किसी भी तरह की नौकरी नहीं करते बल्कि आपका स्‍वयं का Business है या आप ठेकेदारी जैसा कोई काम करते हैं, तो उस स्थिति में आपके व्‍यापार से सम्‍बंधित Business Budget का कोई सम्‍बंध आपके Home Budget से नहीं होता और आपको कभी भी इन दोनों को आपस में Mixup नहीं करना चाहिए।

उदाहरण के लिए यदि आपकी एक Electronic Showroom की Shop है, जहां आप AC, TV, Freeze, Cooler आदि Sell करते हैं, तो इन सामानों को Transport से आपकी Shop तक लाने के लिए आप जो किराया देते हैं, वह आपके Business से सम्‍बंधित खर्च है, लेकिन यदि आप अपनी ही Shop से एक AC अपने घर पर भेजते हैं, तो उस AC और उसे घर तक ले जाने के लिए दिया गया Transportation Charge, दोनों अापके Home Budget से सम्‍बंधित होंगे।
यदि आप नौकरी पेशा व्‍यक्ति हैं, तो आपके लिए महीने से महीने वाला बजट बनाना बेहतर रहेगा, ताकि आपको पता रहे कि आपकी कितनी Salary आ रही है और Salary के अलावा अन्‍य माध्‍यमों से आपके पास कितने पैसे अा रहे हैं।
यहां भी ये ध्‍यान रखना जरूरी होता है कि आपकी Gross Salary चाहे जितनी भी हो, आपको अपना Home Budget हमेंशा Net Take Home Salary के आधार पर ही बनाना होता है।

यानी मान लीजिए कि आपकी Gross Salary तो 20,000 रूपए प्रतिमाह है, लेकिन NPF, PPF, Loan Installment, EMI आदि कटने के बाद Ultimately आपकी जेब में केवल 16,000/- Per Month ही आ रहे हैं, तो आपको अपना Home Budget केवल INR 16,000/- के आधार पर ही बनाना हाेगा न कि 20,000/- के आधार।
नौकरीपेशा लोगों को तो हर महीने एक निश्चित तारीख पर Salary प्राप्‍त होती है, इसलिए उन्‍हें पता होता है कि उनके पास किस तारीख को कम से कम कितना पैसा आने वाला है, लेकिन एक Businessmen को कभी पता नहीं होता कि किस महीने उसको कितने रूपयों की आय होगी। कई बार तो पूरे महीने में एक भी रूपए की आय नहीं होती। इसलिए यदि आप Businessman हैं, तो उस स्थिति में आप अपनी सुविधानुसार पूरे साल का Home Budget भी बना सकते हैं, क्‍योंकि एक Businessman की आय मासिक आधार पर ही हो, एेसा जरूरी नहीं है।
हालांकि व्‍यापारी वर्ग से जुड़े हुए कई लोग अपना Home Budget, Quarterly (त्रैमासिक) आधार पर भी बनाते हैं, क्‍योंकि उनके लिए जो Cash Flow सरलता से उपलब्‍ध होता है, वह Quarterly होता है। अत: यदि आप Businessman/Contractor हैं, तो आप अपना Home Budget, Quarterly Basis पर भी बना सकते हैं क्‍योंकि सामान्‍यत: आपका Credit Period दो या तीन महीने के लिए होता है।
इस प्रकार से आपके लिए ये ध्‍यान रखना बहुत ही जरूरी है कि आप जब भी अपना Home Budget बनाए, तो अपने Cash Flow का ध्‍यान जरूर रखें। यानी सबसे पहले आप इसी बात का निर्णय करें कि आपके पास प्रतिमाह इतना पैसा आता है, कि आप अपना Home Budget बना सकें अथवा आप कोई ऐसा काम करते हैं, जिसमें आपको Project पूरा होने के बाद ही पैसा मिलता है। यदि आपको अपना Project पूरा करने के बाद ही पैसा मिलता हैै, तो इस बात का अनुमान लगाईए कि आपका प्रत्‍येक Project औसतन कितने समय में पूरा होता है और उसी अवधि के आधार पर अपना Home Budget बनाईए।
उदाहरण के लिए यदि आप एक Contractor (ठेकेदार) हैं और आपको अपना प्रत्‍येक Contract पूरा करने में औसतन 3 महीने का समय लगता है, तो आपको अपना Home Budget तीन महीने की अवधि के लिए बनाना चाहिए क्‍योंकि आपका Cash-Flow, Quarterly Basis पर होता है। लेकिन यदि आपको अपना प्रत्‍येक Contract पूरा करने में औसतन 1 महीना ही लगता है, तो आपको अपना Home Budget एक महीने की अवधि के लिए ही बनाना चाहिए जबकि यदि आपका Cash-Flow Half-Yearly Basis पर होता है, तो आपको अपना Home Budget भी छमाही आधार पर ही बनाना चाहिए।
कई लोग इस बात का तो पूर्ण रूप से अंदाजा लगा लेते हैं कि उनकी आय कितनी है, महीने भर में कितनी Salary आने वाली है, अन्‍य माध्‍यमों से कितना पैसा आने वाला है और उसके सामने कौन-कौन से खर्चें होने वाले हैं, लेकिन जब वे खर्चा करने जाते हैं, तो अपने साथ नकद ले जाने के बजाय Credit Card ले लेते हैं, ये सोचकर कि बजट में तो सिर्फ Cash का ही लेन-देन लिखा जाता है और Credit Card से किए जाने वाले खर्चों को बजट में शामिल करना जरूरी नहीं है।
लेकिन ऐसा नहीं है। बजट में केवल Cash का लेन-देन ही शामिल नहीं किया जाता, बल्कि बजट में सभी प्रकार के आय और व्‍यय को शामिल किया जाता है, चाहे वे Cash, ATM Card, Debit Card, Credit Card, Cash Card या Net Banking किसी भी प्रकार से क्‍यों न किए गए होंं।
इसलिए आप यदि विभिन्‍न प्रकार के खर्चों का Payment करने के लिए Credit Card का इस्‍तेमाल काफी ज्‍यादा करते हैं, तो एक बात का ध्‍यान रखिए कि चाहे आपकी आय या व्‍यय Cash में हो या फिर Card के माध्‍यम से, Home Budget बनाते समय इन दोनों का Proper हिसाब रख कर ही बजट बनाए अन्‍यथा बजट बनाने के बावजूद भी आपके लिए उसका कोई फायदा नहीं निकलेगा और बजट की पूरी Exercise Fundamentally ही Fail हो जाएगी।

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