Monday, 14 November 2016

अपने मूल्य को पहचाने

 

अपने मूल्य को पहचाने


एक बार एक जाना माना स्पीकर अपना सेमिनार कर रहा था | उसने हाथ में पाँच सौ का नोट लहराते हुए अपने हॉल में बैठे सैकड़ों लोगों से पूछा ,” ये पाँच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?”
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सभा में बैठे लोगो ने हाथ उठाने शुरू कर दिए |
फिर उसने कहा ,” मैं इस नोट को आपमें से किसी एक को दूँगा पर उससे पहले मुझे ये कर लेने दीजिये .” और उसने नोट को अपनी मुट्ठी में भींच का मसलना शुरू कर दिया | और फिर उसने पूछा,” कौन है जो अब भी यह नोट लेना चाहता है?” अभी भी लोगों के हाथ उठने शुरू हो गए |
“अच्छा” उसने कहा,” और अगर मैं ये कर दूँ तो ? ” और उसने नोट को नीचे गिराकर पैरों से कुचलना शुरू  कर दिया | उसने नोट को उठाया, नोट कुचला हुआ और बहुत गन्दा हो गया था |
” क्या अभी भी कोई है जो इसे लेना चाहता है?” और एक बार फिर हाथ उठने शुरू हो गए |
तब उस स्पीकर ने कहा दोस्तों , आप लोगों ने आज एक बहुत महत्त्वपूर्ण पाठ सीखा है | मैंने इस नोट के साथ इतना कुछ किया पर फिर भी आप इसे लेना चाहते थे क्योंकि ये सब होने के बावजूद नोट की कीमत घटी नहीं,उसका मूल्य अभी भी 500 ही था |
जीवन में कई बार हम गिरते हैं, हारते हैं, हमारे लिए हुए निर्णय हमें मिटटी में मिला देते हैं | हमें ऐसा लगने लगता है कि हमारी कोई कीमत नहीं है. लेकिन आपके साथ चाहे जो हुआ हो या भविष्य में जो हो जाए , उससे आपका मूल्य कम नहीं होता | आप स्पेशल हैं, आप अमूल्य हैं  इस बात को कभी मत भूलिए |
कभी भी बीते हुए कल की निराशा से अपने आने वाले कल को बर्बाद मत कीजिये | अपने मूल्य को पहचानिये और सकारात्मक सोच के मेहनत करते रहें | सफलता ज़रूर मिलेगी | याद रखिये आपके पास जो सबसे कीमती चीज है, वो है आपका जीवन |

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