Quote 1: ऋण, शत्रु और रोग को
समाप्त कर देना चाहिए।
Quote 2: वन की अग्नि चन्दन की लकड़ी को भी जला देती है अर्थात दुष्ट व्यक्ति किसी का भी अहित कर सकते है।
Quote 3: शत्रु की दुर्बलता जानने तक उसे अपना मित्र बनाए रखें।
Quote 4: सिंह भूखा होने पर भी तिनका नहीं खाता।
Quote 5: एक ही देश के दो शत्रु परस्पर मित्र होते है।
Quote 6: आपातकाल में स्नेह करने वाला ही मित्र होता है।
Quote 7: मित्रों के संग्रह से बल प्राप्त होता है।
Quote 8: जो धैर्यवान नहीं है, उसका न वर्तमान है न भविष्य।
Quote 9: संकट में बुद्धि ही काम आती है।
Quote 10: लोहे को लोहे से ही काटना चाहिए।
Quote 11: यदि माता दुष्ट है तो उसे भी त्याग देना चाहिए।
Quote 2: वन की अग्नि चन्दन की लकड़ी को भी जला देती है अर्थात दुष्ट व्यक्ति किसी का भी अहित कर सकते है।
Quote 3: शत्रु की दुर्बलता जानने तक उसे अपना मित्र बनाए रखें।
Quote 4: सिंह भूखा होने पर भी तिनका नहीं खाता।
Quote 5: एक ही देश के दो शत्रु परस्पर मित्र होते है।
Quote 6: आपातकाल में स्नेह करने वाला ही मित्र होता है।
Quote 7: मित्रों के संग्रह से बल प्राप्त होता है।
Quote 8: जो धैर्यवान नहीं है, उसका न वर्तमान है न भविष्य।
Quote 9: संकट में बुद्धि ही काम आती है।
Quote 10: लोहे को लोहे से ही काटना चाहिए।
Quote 11: यदि माता दुष्ट है तो उसे भी त्याग देना चाहिए।
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