1 - जब हमारा नजरिया सही होता है ,तो हमे महसुस होता है कि हम हिरो से भरी हुयी जमीन पर चल रहे है ।
मौके हमेशा हमारे पांव तले दबे हुये है । हमे उनकी तलाश में कही जाने की जरुरत नही है ! हमें केवल उनको पहचान लेना है !
2 - दूसरे के खेत की घास हमेशा हरी लगती है !
3 - हम दूसरो के पास मौजुद चीजो को देख कर ललचाते रहते है ! इसी तरह दुसरे हमारे पास मौजुद चीजो को देख कर ललचाते है !
4 - जिन्हे मौके की पहचान नही होती उन्हे मौके का खटखटाना शोर लगता है !
5 - मौका जब आता है , तो लोग उसकी अहमियत नहीं पहचानते ! जब मौका जाने लगता है , तो उसके पिछे भागते है !
6 - कोई मौका दोबारा नही खटखटाता ! दुसरा मौका पहले वाले मौके से बेहतर या बदतर हो सकता है,पर वह ठिक पहले वाले मौके जैसा नही हो सकता । इसलिए सही वक्त पर सही फैसला लेना बेहद जरुरी होता है । गलत वक्त पर लिया गया सही फैसला भी गलत फैसला बन जाता है !!
" सपने तो दर्जनो है.....पर अहमियत इस बात की है कि उन्हे अमल में कैसे लाया जाय !! "
मौके हमेशा हमारे पांव तले दबे हुये है । हमे उनकी तलाश में कही जाने की जरुरत नही है ! हमें केवल उनको पहचान लेना है !
2 - दूसरे के खेत की घास हमेशा हरी लगती है !
3 - हम दूसरो के पास मौजुद चीजो को देख कर ललचाते रहते है ! इसी तरह दुसरे हमारे पास मौजुद चीजो को देख कर ललचाते है !
4 - जिन्हे मौके की पहचान नही होती उन्हे मौके का खटखटाना शोर लगता है !
5 - मौका जब आता है , तो लोग उसकी अहमियत नहीं पहचानते ! जब मौका जाने लगता है , तो उसके पिछे भागते है !
6 - कोई मौका दोबारा नही खटखटाता ! दुसरा मौका पहले वाले मौके से बेहतर या बदतर हो सकता है,पर वह ठिक पहले वाले मौके जैसा नही हो सकता । इसलिए सही वक्त पर सही फैसला लेना बेहद जरुरी होता है । गलत वक्त पर लिया गया सही फैसला भी गलत फैसला बन जाता है !!
" सपने तो दर्जनो है.....पर अहमियत इस बात की है कि उन्हे अमल में कैसे लाया जाय !! "
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