महंगाई से बचना है, तो Home Budget बनाईए।
What is the Purpose of a Budget – जो व्यक्ति बजट बना लेते हैं, उन्हे एक तरह से अपने Financial Future की Advance Planning करने
में मदद मिल जाती है। अर्थात् उन्हे इस बात का पता चल जाता है कि उन्हे
भविष्य में कब और क्या Financial Goal Achieve करना है, उस Goal को
Achieve करने के लिए उन्हें आय कहाँ से और कितनी प्राप्त होगी, फिर उस आय
को किस तरह से निवेश (Invest) करके ज्यादा से ज्यादा Profit कमाना है,
ताकि भविष्य के उस Goal को समय रहते हासिल किया जा सके।
क्योंकि जो व्यक्ति बजट बनाते हैं,
उन्हे अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में इस बात का अंदाजा हो जाता है कि
उनके पास जो आय हो रही है, कहीं उससे ज्यादा तो उनके खर्चें नहीं है,
अर्थात् उनकी Financial Condition घाटें में तो
नहीं है और यदि उनकी Financial Condition घाटे में चल रही हो, तो वे समय
रहते उस पर Control करने की स्थिति में होते हैं।
बजट के अनुसार काम करने वाले व्यक्ति को
अपने खर्च की प्राथमिकता तय करना आसान हो जाता है क्योंकि उन्हे इस बात
का पता होता है कि उनकी आय कहाँ से व कितनी हो रही है एवं उनकी आय के सामने
उनके खर्चें कौनसे और कितने हैं। अगर खर्चों का आय पर आधिक्य है, तो वे
उन खर्चों को प्राथमिकता दे सकते हैं जो ज्यादा जरूरी है और जिनके बिना
रहना नामुमकिन है। साथ ही उन्हें अपने गैरजरूरी खर्चों के बारे में पता चल
जाता है जिनमें कटौती करके वे अपने जरूरी खर्चों को बेहतर तरीके से Manage
कर पाते हैं।
बजट बनाने का सबसे बड़ा फायदा ये होता है
कि बजट बनाकर काम करने वाला व्यक्ति बचत करने के बारे में सोंचने लगता है,
बचत करने की कोशिश करने लगता है और Financially Literate होकर वह उस बचत को किसी अच्छी जगह निवेश (Invest) करने की Planning कर सकता है, जिससे वह अपनी इच्छानुसार अपना Financial Future व Financial Freedom का समय यानी अपने Financial Retirement का समय तय करता है।
ऐसे व्यक्ति जो किसी Professional काम में लगे हुए हैं, उनको बजट बनाने से अपनी आमदनी और खर्च का सही अंदाजा मिल जाता है, जिससे वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकते हैं।
बजट बनाने से न केवल नौकरीपेशा, व्यवसायी लोगों को ही फायदा होता है, बल्कि बजट बनाने से घरेलू महिलाओं
को घर चलाने में भी बहुत सहायता मिलती है। क्योंकि बजट के माध्यम से
उन्हे इस बात का अंदाजा रहता है कि उन्हें घर चलाने के लिए प्रतिमाह
कितने रूपए दिए जाते हैं, और किस तरह से उसका सही जगह पर सही सामान खरीदने
के लिए उपयोग करना है।
बचपन में ही डालें बजट बनाने की आदत
बजट केवल बड़ों को ही बनाना चाहिए, ऐसा
नहीं है बल्कि बजट बनाने की कला बच्चों को बचपन से ही सिखाई जानी चाहिए,
ताकि वे बच्चे, जो बहुत अधिक पैसे खर्च करते हैं, वे भी पैसों के महत्व
को समझ सकें व जान सकें कि अपनी Pocket Money को वे जिस तरह की चीजों के
लिए खर्च करते हैं, वे चीजें उनके लिए जरूरी हैं या गैरजरूरी।
यानी आप यदि अपने बच्चों को प्रतिमाह
Pocket Money के रूप में कुछ Amount देते हैं, तो उनसे उनके द्वारा किए
जाने वाले खर्चों का पूरा लेखा (Account) मांगिए और अगली Pocket Money
Installment तभी दीजिए, जबकि वे अपनी पिछली Pocket Money के सम्पूर्ण खर्च
का उपयुक्त ब्यौरा दें। साथ ही अगली Pocket Money Installment देने से
पहले आप स्वयं उस लेखा को Check कीजिए और उसमें जो भी खर्चे आपको गलत
लगें, उनके बारे में अपने बच्चों को Guide कीजिए कि किस तरह से उस गलत
खर्च से बचा जा सकता था।
यदि आप ऐसा करेंगे, तो आपके बच्चे अपनी
Pocket Money खर्च करते समय इस बात का ध्यान रखेंगे कि उन्हें अगली
Pocket Money प्राप्त करने के लिए हिसाब देना पड़ेगा। परिणामस्वरूप वे
स्वयं सही व गलत खर्चों के बारे में समझने लगेंगे और आप अपने बच्चों को
बचपन से ही अप्रत्यक्ष रूप से Financially Educate करने में अपना महत्वपूर्ण Role Play करेंगे, जो कि वर्तमान समय में भारत के लगभग 99.99% लोग नहीं करते।
यदि किसी महीने आपके बच्चे आपसे Pocket
Money से ज्यादा पैसों की मांग करते हैं, तो उन्हें वो पैसा कर्ज के रूप
में दीजिए, और अगली Pocket Money Installment देते समय उतना पैसा कम दीजिए,
जो आपने कर्ज के रूप में उन्हें Advance दे दिया है। यदि आप ऐसा करेंगे,
तो पैसों के सम्बंध में आपके बच्चों की समझ बढ़ेगी और भविष्य में जब वे
बड़े होंगे, तब भी उन्हें इस बात का पता रहेगा कि यदि उन्होंने अपनी आय
से अधिक खर्च किया, तो उन्हें कर्ज लेना पड़ेगा और अगले महीने उस कर्ज को
चुकाना भी पड़ेगा जिससे उनका अगला महीना और अधिक आर्थिक तंगी में गुजरेगा।
इस तरह से बजट के माध्यम से बच्चों को अपनी Pocket Money की Planning करने में मदद मिलेगी जो जिन्दगीभर उन्हें Personal Financial Management करने में मदद करेगी।
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