Monday, 14 November 2016

दूसरों के भरोसे मत रहो, अपना काम खुद करो (Don’t depend on others,Do your work yourself)

 

 

दूसरों के भरोसे मत रहो, अपना काम खुद करो  (Don’t depend on others,Do your work yourself)

birds motivational storyकहानियाँ सुनने में तथा पढने में बेशक कहानियाँ ही लगें लेकिन उनके अन्दर एक सन्देश छुपा होता है। कहानियों में एक ऐसी प्रेरणा होती है, एक ऐसी सीख होती है, जिससे हम अपनी जिंदगी में नकारात्मकता तथा अंधेरों से निकलकर एक सकारात्मक जिन्दगी जियें तथा अपने आपको बेहतर बना सकें, आत्मनिर्भर बना सकें।
आइये आज मैं आपके सामने ऐसी ही एक कहानी पेश कर रहा हूँ जो आपको आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करेगी।
एक बार एक किसान के गेंहू के खेत में एक चिड़िया ने घोंसला बना रखा था। उस घोंसले में उसने अंडे दिये। कुछ समय बाद अंडो में से बच्चे निकले। चिड़िया दाना चुगने के लिए दूर जंगल में जाती थी और अपने बच्चों के लिये दाना लेकर लौटती थी। इस दौरान उसके बच्चे घोंसले में अकेले रहते थे। जब चिड़िया दाना लेकर लौटकर आती तो बच्चे बहुत खुश होते और उसके द्वारा लाए गए दानों को खाते।
एक दिन चिड़िया जब दाना लेकर लौटी तो उसने देखा कि उसके बच्चे बहुत डरे हुए हैं। उसने बच्चों से पूछा  “ क्या बात है बच्चो ..? तुम सब  इतने डरे हुए क्यों हो? ”
बच्चों ने बताया कि  “ आज किसान आया था और वह कह रहा था कि फ़सल अब पक चुकी है, मैं कल अपने बेटों से फसल काटने के लिये कहूँगा। अगर उसने फसल काटी तो हमारा घोसला टूट जायेगा, फिर हम कहाँ रहेंगे..? ”
चिड़िया बोली  “ फ़िक्र मत करो बच्चों , अभी खेत की फसल नही कटेगी।”
सच में अगले दिन कोई फसल काटने नहीं आया। और चिड़िया के बच्चे बेफिक्र हो गए। लेकिन कुछ दिनों बाद चिड़िया को बच्चे फिर से डरे हुए मिले। चिड़िया के पूछने पर बच्चों ने बताया  “ किसान आज भी आया था , और कह रहा था कि बेटे नहीं आये तो क्या हुआ? कल फसल काटने के लिए मजदूरों को भेजूंगा।”
इस बार भी चिड़िया ने बच्चों से कहा  “ डरने की जरुरत नहीं हैं , फसल कल भी नहीं कटेगी।”
ऐसे ही कुछ दिन और बीत गए। कोई फसल काटने के लिए नहीं आया।
कुछ दिन बाद एक दिन बच्चे फिर से डरे हुए थे। और उन्होंने चिड़िया को बताया  कि “ आज किसान फिर से आया था और कह रहा था कि दूसरों के भरोसे रहकर मैंने फ़सल काटने में बहुत देर कर दी है। मैं कल खुद ही फ़सल को काटने आऊँगा।
यह सुनकर चिड़िया बच्चों से बोली  “ अब हमें यह जगह छोड़कर कोई सुरक्षित जगह चले जाना चाहिए। क्योंकि कल खेत की फ़सल जरुर कटेगी।  ”
वह तुरंत बच्चों को लेकर एक दूसरे घोसले में  आ गई। जिसे उसने कई दिनों से कड़ी मेहनत कर के बनाया था।
अगले दिन चिड़िया और उसके बच्चो ने देखा कि किसान ने फसल काटनी शुरू कर दी है।
बच्चों ने बड़ी हैरानी से चिड़िया से पूछा  “ माँ , तुमने कैसे जाना कि कल खेत की फसल कट ही जाएगी?”
चिड़िया ने बच्चो को बताया कि “जब तक इंसान किसी कार्य के लिए दूसरों पर निर्भर रहता है, वह कार्य पूरा नहीं होता है। लेकिन जब इंसान  उस कार्य को खुद करने की ठान लेता है तो वो कार्य जरुर पूरा होता है। किसान जब तक दूसरों पर निर्भर था तब तक उसकी फसल नहीं कटी। लेकिन जब उसने खुद फसल काटने का फैसला किया तो उसकी फसल कट गयी।
दोस्तों, हमारे साथ भी यही होता है। जब तक हम किसी भी काम के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं तो उस काम के होने की सम्भावना बहुत कम होती हैं। और अगर वो काम हो भी गया तो उस तरह से नहीं हो पाता जैसे हम चाहते थे। लेकिन अगर वही काम हम खुद करें तो वो काम समय पर हो भी जायेगा और जैसा हम चाहते हैं वैसा ही होता है।
तो दोस्तों अपने किसी भी काम के लिए पूरी तरह से दूसरों पर निर्भर नहीं रहें। जहाँ तक हो सके अपने काम खुद ही करें। अगर काम दूसरों से करवाना भी है तो अपनी देख रेख में करवायें ताकि काम सही से तथा समय पर पूरा हो जाये।

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