पढाई करने के आसान तरीके - कैसे करे परीक्षा पास?
यह सवाल का हर कोई लगभग 'हा' में जवाब देगा कि, क्या आपको सफल होना है? :)
इस बात मे कोइ हर्ज नही की हर कोई सफल होना चाहता है, चाहे वह विद्यार्थी
हो, बिजनेसमें हो, या कोइ महिला जो अपने बलबूते पर जीना चाहती है. लेकिन
क्या हर कोई सफल हो सकता है? नही. सिर्फ वही लोग सफल हो रहे है जिन्होने
कुछ एसे नियम बनाये और उनका पालन भी किया जो सफलता के लिए जरुरी है. क्या
है वह सफलता के सूत्र? इस ब्लोग पोस्ट के द्वारा हम ऐसे ही कुछ नियम आपको
बताना चाहते है. खास तौर पर उन विद्यार्थीओ के लिए यह पोस्ट लिखा जा रहे
हैं, जो पढाई कर रहे हैं. यह पोस्ट एसे बहूत से स्टूडन्टस को काम आयेगा जो
स्कूल, कॉलेज के लिए पढ रहें है या कोई कम्पीटीटिव परीक्षा यानी की
स्पर्धात्मक परीक्षा की तैयारी कर रहें है.
इसलिए यह सलाह दी जाती है की, एसा टाईम टेबल बनाये जो प्रेक्टिकल हो, यानी कि उसको प्रयोग मे लाया जा सके. उदाहरण के तौर पर यदी आपके पास कोइ काम के लिए सिर्फ 3 घंटे है और आपने इसके लिए 4 घंटे दिए है, तो यह मुमकीन नही है. इससे उल्टा कोइ काम करने में आपको 4 घंटे लगते है और उस काम के लिए आपने 3 घंटे ही दिए है तो यह भी ठीक नही है.
प्रेक्टिकल टाईम टेबल
यह सबसे जरुरी चीझ है, क्युंकि कई बार हमलोग टाईम टेबल तो इतना अच्छा बना लेते है की हमें ऐसा लगने लगता है की आधा काम हो गया. लेकिन, बहूत बार यह टाईम टेबल प्रेक्टिकल नही होता. यानी कि, यह टाईम टेबल सिर्फ देखने में ही अच्छा होता है. इसे लागू नही किया जा सकता.इसलिए यह सलाह दी जाती है की, एसा टाईम टेबल बनाये जो प्रेक्टिकल हो, यानी कि उसको प्रयोग मे लाया जा सके. उदाहरण के तौर पर यदी आपके पास कोइ काम के लिए सिर्फ 3 घंटे है और आपने इसके लिए 4 घंटे दिए है, तो यह मुमकीन नही है. इससे उल्टा कोइ काम करने में आपको 4 घंटे लगते है और उस काम के लिए आपने 3 घंटे ही दिए है तो यह भी ठीक नही है.
बड़ा सोचें लेकिन छोटे से शुरुआत करें
हम सभी लोग हंमेशा बडा सोचते हैं, ओर इसमें कुछ गलत भी नही हैं. सोच हंमेशा बडी रखनी चाहीए. लेकिन कई बार इस बडी सोच को अंजाम देने के लिए कुछ काम नही करते. चूंकि, हमने बडा सोच के रखा हैं तो हम इसके लिए बडा कुछ करने का विचार ही करते है और वह हमसे तुरंत नही हो सकता. इस समस्या का एक अच्छा हल हैं.आप जो भी बडा सपना देखे, उसके लिए जो काम आपको करना हैं उसको छोटे छोटे हिस्सो में बाँट दे. एसा करने से एक फायदा यह होगा की आपके काम की शुरुआत हो जायेगी. छोटे छोटे हिस्सो को छोटे छोटे टाईम स्लोट में बाँट देने से आपका बडा काम या सपना धीरे धीरे पुरा होता दिखेगा इसमे कोइ शक नही हैं.
चिंता के समय अवश्य काम करें
सामान्य तौर पर हम देखते है कि जब हम स्ट्रेस / चिंता / तनाव मे होते है तब हम कुछ नही करते, बेठे रहते है. विज्ञान यह कहता है की जब आप तनाव में हो तब कुछ न कुछ काम अवश्य करना चाहीए. यदी आप किसी भी काम में व्यस्त रहेंगे तो आपका दिमाग तनाव की और ध्यान देना बंध कर देगा. यदी दिमाग तनाव की और ध्यान ही नही देगा तो आपको तनाव महसूस भी नही होगा. इसीलिए जब भी कोइ चिंता या तनाव हो, कुछ न कुछ काम अवश्य करें.पढ़ाई के लिए सभी सामान अपने पास रखें
बहूत बार देखने को मिलता है की जैसे ही स्टूडन्ट पढ़ाई शुरु करता है, उसे कुछ न कुछ याद आ जाता हैं, और उसे वहा से उठना पडता है. उदाहरण के तौर पर जैसे ही पढाई शुरु होती है, उसे अंडरलाईन करने के लिए पेन्सिल की जरुरत पडती है या तो मार्कर या फीर स्टीकी नोट्स की जरुर पडती है. एसे में विद्यार्थी को पढाई बंध करके उठना पडता है और वही पर उसका ध्यान भी भंग़ होता है.इसलिए जब भी आप पढने के लिए बैठे तो एसी सभी चीझ अपने पास रखे जो पढाई के दौरान जरुरी है.
कठिन कार्य पहेले करे
ज्यादातर हम देखते है की लोग आसान काम पहेले करते हैं, ठीक है आसान काम करना हर किसी को अच्छा लगता हैं और हमारा दिमाग भी जो आसान हो उसे पहेले पसंद करता हैं. होता यह है की आसान काम करना अच्छा लगता है लेकिन फिर जब कठिन काम की बात आती है तो हम उससे मन बिगाड कर भागते है और इसी भागमदोड में काम अधूरा रह जाता है.इसलिए जब भी कोइ काम उठाए तो उसमें से कठिन कार्य पहेले कर दे. एसा करने से जब आसान काम करने की बारी आयेगी तब हमें काम आगे करने के लिए होंसला मिलेगा. और इसी तरह आपका काम पूर्णता की ओर चलता जायेगा.
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