ROM ( READ ONLY
MEMORY ) कंप्यूटर से जुड़े हुए
हिस्सों में से कंप्यूटर का एक अहम हिस्सा होती है. ROM कंप्यूटर सिस्टम की एक प्राथमिक स्टोरेज डिवाइस
है. ROM एक चिप के आकर की
होती है और कंप्यूटर मदर बोर्ड से जुडी होती है. जैसाकि इसके नाम से ही पता चलता
है कि ये सिर्फ कंप्यूटर डाटा को रीड ( read ) करने के लिए है, आप इसमें
न कुछ लिख सकते है और न ही कुछ डाल कर स्टोर कर सकते हो. ये कंप्यूटर को “boot up” और आपके जब आप अपने
कंप्यूटर सिस्टम को दुबारा ऑन करते हो तो आपकी डाटा को नया जीवन (regenerate ) देती है. ROM और RAM में एक अहम अंतर
होता है कि जब आप अपना कंप्यूटर बंद कर देते हो तो RAM अपना डाटा खो देता है लेकिन ROM कंप्यूटर बंद होने के बाद भी अपना डाटा नही खोती है. साथ ही
ROM को अपना काम करने के लिए किसी लगातार पावर की जरूरत नही
होती है, कंप्यूटर के बंद होने के बाद भी ROM अपनी इनफार्मेशन को स्टोर
कर सकती है.
ROM चिप का इस्तेमाल
कंप्यूटर को स्टार्ट होने प्रकिर्या में सहायता देती है.
ROM चिप धीरे धीरे काम
करती है.
ROM चिप में आप सिर्फ
कुछ मेगाबाइट तक का देता हे स्टोर कर सकते है,
ROM चिप का इस्तेमाल
कुछ गेमिंग सिस्टम cartridges में भी होता है.
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What is Rom Its Types and Uses |
ROM के प्रकार :
ROM 4 प्रकार की होती
है.
1.
PROM ( PROGRAMABLE READ ONLY MEMORY )
2.
EPROM ( ERASABLE PROGRAMABLE READ ONLY MEMORY )
3.
EEROM ( ELECTRIC ERASABLE PROGRAMABLE READ ONLY
MEMORY )
4.
EAROM ( ELECTRIC ATERABLE READ ONLY MEMORY )
इसके आलावा BIOS ( BASIC INPUT
OUTPUT SYSTEM ) एक प्रोसेसर भी ROM के साथ मिल कर इसके
काम में इसकी मदद करता है.
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Rom kya hai iske parkar or prayog |
PROGRAMMABLE READ ONLY MEMORY :
ये डिजिटल मेमोरी IC की तरह होती है और
इसका इस्तेमाल CRT मॉनिटर में किया जाता है. ये एक परमानेंट टाइम प्रोग्राम
है. इनमे स्टोर किया हुआ डाटा परमानेंट होता है और आप उसे बदल नही सकते. ये ज्यादातर बिजली से चलने वाले डिवाइस में
होती है.
ERASABLE PROGRAMABLE READ
ONLY MEMORY:
EPROM एक ऐसी चिप है जो
कंप्यूटर के बंद होने के बाद कंप्यूटर की डाटा को स्टोर करती है. इसका इस्तेमाल P.C.O. कंप्यूटर, TV Tunar में किया जाता है. इसमें डाटा को लेज़र की सहायता से डाला व
मिटाया जाता है. इसमें अगर आपको डाटा को मिटाना है तो आपको स्ट्रोंग अल्ट्रावायलेट
रेस की मदद लेनी होती है.
ELECTRIC ERASABLE
PROGRAMABLE READ ONLY MEMORY :
इसमें कंप्यूटर के
बंद होने के बाद कुछ साइज़ का डाटा को स्टोर होता है. ये कंप्यूटर के मदरबोर्ड से
जुडा होता है. इसका काम कंप्यूटर को ऑन करना होता है. ये टयूब लाइटर स्टार्टर की
तरह काम करती है. इसमें आप किसी डाटा को रीड कर सकते है, उसे मिटा सकते है या फिर
आप उसे दुबारा भी लिख सकते है, इसके लिए आपको बाइट ( BYTE ) से सिग्नल देने होते है. आजकल ROM में थोड़े बड़े साइज़
के डाटा को स्टोर करने के लिए कुछ अलग तरह की EEPROM का इस्तेमाल भी होता है.
इसका एक लिमिटेड टाइम होता है.
ELECTRIC ALTERABLE
READ ONLY MEMORY :
ये एक सेमी कंडक्टर की तरह
दिखाई देती है इसमें आप कुछ इलेक्ट्रिक सिग्नल दे कर जो बदलाव करना चाहते है वो कर
सकते है. ये RAM के साथ मिल कर
कंप्यूटर को ऑन करने और डिस्प्ले को लाने में सहायक होती है. ये भी एक IC की तरह ही दिखती है.
BASIC INPUT OUTPUT
SYSTEM :
ये एक माइक्रोप्रोसेसर की
तरह होती है जो ROM के साथ मिल कर
कंप्यूटर सिस्टम को ऑन करने में सहायक होती है. साथ ही ये कंप्यूटर से जुड़े हुए
डिवाइस जैसे माउस, कीबोर्ड, हार्डडिस्क और विडियो एडाप्टर के और कंप्यूटर ऑपरेटर
के बीच के डाटा के फ्लो को भी मैनेज करती है.
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